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मेडिकल में मिलेगी एचपीएलसी टेस्ट की सुविधा
- निजी केंद्र बंद होने से मेडिकल की नई पहल
- 70 लाख रुपए की निधि को जिलाधिकारी की मंजूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेडिकल में जल्द ही एचपीएलसी (हाई परफॉर्मेस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी) जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाने वाली है। इससे खून में एचबीएटू का प्रमाण कितना है, इसका पता चल सकेगा। खून में इसका प्रमाण 3.8 से अधिक है, तो वह थैलेसीमिया माइनर की संभावना होती है। इसलिए यह जांच जरूरी है। इसके लिए 70 लाख रुपए की निधि को जिलाधिकारी ने मंजूरी दी है। जल्दी ही एचपीएलसी टेस्ट मशीन स्थापित की जाएगी।
निजी केंद्र था, जो बंद हो गया
मेडिकल में सिकलसेल व थैलेसीमिया को लेकर एक आधुनिक केंद्र शुरू करने के लिए 5.50 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इस केंद्र को शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां एचपीएलसी जांच भी शुरू की जाएगी। इस जांच से एचबीएटू का पता चलता है। खून मे इसका प्रमाण कितना है, यह पता चलने से थैलेसीमिया की संभावनाओं का अाकलन किया जा सकेगा। दो साल से यह जांच बंद है। गर्भजल जांच नहीं होने से बीमारी का पता नहीं लगाया जा सकता है। पहले मेडिकल में गर्भजल परीक्षण के लिए निजी केंद्र था। संबंधित डॉक्टर की सेवानिवृत्ति के बाद में यह सुविधा बंद हो गई। निजी केंद्र की मशीनें भी हटा दी गई थीं, इसलिए अब यहां नई मशीन लगाई जाने वाली है।
इस साल के अंत तक सुविधा
इसके लिए जिलाधिकारी ने 70 लाख की मशीन लगाने के लिए निधि मंजूर की है। इस साल के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में शुरू होने वाले सिकलसेल व थैलेसीमिया केंद्र में संबंधित पति-पत्नी की स्क्रीनिंग की जाएगी। उनका समुपदेशन किया जाएगा। गर्भधारण के बाद यदि गर्भस्थ शिशु में सिकलसेल पाया गया तो, उनका समुपदेशन कर बच्चा न रखने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
Created On :   2 Sept 2023 10:42 AM IST