नागपुर स्टेशन: सालभर में यात्री 44 लाख का लगेज ट्रेन में भूल गए, यात्रियों को वापिस किया

सालभर में यात्री 44 लाख का लगेज ट्रेन में भूल गए,  यात्रियों को वापिस किया
  • आरपीएफ का ऑपरेशन अमानत
  • अमानत के तहत यात्रियों को वापिस किया लगेज
  • सालभर में यात्री 44 लाख का लगेज भूले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे में सफर करनेवाले भुलक्कड़ यात्रियों ने 44 लाख से ज्यादा का लगेज ट्रेन में ही छोड़ दिया था। जिसके बाद इसकी सुध लेते हुए आरपीएफ ने ऑपरेशन अमानत के तहत यह यात्रियों को वापिस किया है। गत सालभर में ऐसे 178 मामले सामने आये हैं। सुरक्षा आयुक्त के दीप चंद्र आर्य के मार्गदर्शन में यात्रियों को उनका सामान वापिस किया गया है।

सामान छूटने पर आरपीएफ को सूचना दें

मीलों का सफर तय करनेवाली रेलगाड़ी में कई यात्री भारी भरकम लगेज लेकर यात्रा करते हैं। कई बार गाड़ियां पकड़ने के चक्कर में तो कई बार गाड़ी से उतरने के चक्कर में वह अपने साथ लाये लगेज को ट्रेन में ही भूल जाते हैं। जिसे मिलने के कोई आसार नहीं होते हैं। लेकिन आरपीएफ की ओर से ऑपरेशन अमानत के तहत ऐसे लगेज को यात्रियों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है। जिसके तहत गत एक साल में 44 लाख 94 हजार 2 सौ 2 रुपये का लगेज यात्रियों को वापिस किया गया है।

इसमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्स, बैग, अन्य दस्तावेज शामिल हैं। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि, यात्री अपने सामानों को अपने पास संभाल कर रखें और सामान छूटने पर तुरंत अपने नजदीकी आरपीएफ कर्मी को सूचित करें या टोल फ्री नम्बर 139 रेल मदद पर जानकारी सांझा करें, आरपीएफ नागपुर आपकी हर मदद के लिए सदैव तत्पर है।

एसटी बस में बैग भूलने पर यात्री को नहीं मिली मदद

उधर एक यात्री द्वारा बैग एसटी बस में भूलने के बाद जब वह मदद के लिए गणेशपेठ बस स्टैण्ड पहुंचा तो वहां उसे किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई। जिसके कारण उसे मजबूरन अपने पास गलती से आए दूसरे यात्री के बैग को पुलिस थाने में जमा करना पड़ा है। हालांकि अभी तक उस यात्री का बैग वापिस नहीं मिल सका। राजेश पौनीकर नामक यात्री खामगांव से नागपुर का सफर कर रहे थे। दरमियान मध्यरात्रि का वक्त होने से उन्हें नींद लग गई।

नागपुर बस स्थानक से आगे गाड़ी जाने के बाद उनकी नींद खुली तो वह बर्डी पार कर गये थे। ऐसे में हड़बड़ाहट में वह अपनी बैग जैसे दिखने वाले दूसरे यात्री के बैग को उठाकर नीचे उतर गया। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि, उनकी बैग समान रंग के कारण बदल गई है।

Created On :   7 Jan 2024 12:54 PM GMT

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