नागपुर जिले में हर माह मिल रहे कुष्ठरोग के 160 मरीज

नागपुर जिले में हर माह मिल रहे कुष्ठरोग के 160 मरीज
पांच माह में मिले 802 मरीज

चंद्रकांत चावरे, नागपुर। जिले में बीते पांच माह में कुष्ठरोग के 802 नये मरीज मिले हैं। इसमें शहर के 192 व ग्रामीण के 610 मरीज शामिल हैं। हर महीने औसत 160 मरीज मिल रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 38 और ग्रामीण क्षेत्र में 122 मरीज मिल रहे हैं। कोरोनाकाल के दौरान विविध बीमारियों की रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले नियमित रोकथाम कार्यक्रमों पर असर हुआ है। 2020 और 2021 में कोरोना के कारण टीबी, कैंसर, कुष्ठरोग, एचआईवी समेत अन्य बीमारियों का सर्वेक्षण, जांच व उपचार अभियान थम गया था। कुष्ठरोग नियंत्रण कार्यक्रम पर भी असर हुआ है। 2021 से अब तक कुष्ठरोग के 2025 नये मरीज पाए गए हैं, जबकि पुराने उपचार ले रहे मरीजों की संख्या 1496 है। जिले में कुल मरीजों की संख्या 3521 हो गई है।

2026 तक कुष्ठरोग खत्म करने का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने 2027 तक कुष्ठरोग को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। कुष्ठरोग को मिटाने केंद्रीय स्तर पर कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसका पालन जिले को करना है। नागपुर जिले में 2026 तक कुष्ठरोग को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन कोरोना के दो साल तक स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े स्थायी-अस्थायी कर्मचारी, आशा वर्कर्स, स्वास्थ्य सेवक समेत हर कोई कोरोना से लोगों का बचाव कार्य में लगे थे, इसलिए दो साल तक कुष्ठरोग का सर्वेक्षण, जांच व उपचार कार्य प्रभावित हुआ था। जब इसकी पुन: शुरुआत हुई, तो मरीजों की संख्या अधिक पायी गई है।

जिले में सर्वाधिक भिवापुर में पाए गए

जिले की 13 तहसीलों में सर्वाधिक कुष्ठरोगी भिवापुर में पाए गए हैं। यहां का प्रमाण 3.72 फीसदी है। दूसरे क्रमांक पर कुही तहसील का प्रमाण 2.23 फीसदी है। तीसरे क्रमांक पर कामठी तहसील 2.05 फीसदी पर है। इसके अलावा अन्य तहसीलों में कुष्ठरोगियों का प्रमाण 1 फीसदी (कहीं कम-कहीं अधिक) है। वहीं पुराने मरीजों की संख्या 2021 में 472, 2022 में 498 व 2023 में अब तक 526 मिलाकर कुल संख्या 1496 है।

अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में होता है पंजीयन

2021 में जनवरी से दिसंबर तक 586, 2022 में जनवरी से दिसंबर तक 637 और 2023 में जनवरी से अब तक 802 नये मरीज पाए गए हैं। कुल 2025 नये मरीज पाए गए हैं। इनमें नागपुर महानगर पालिका के शहरी क्षेत्र में 526 व जिला परिषद के ग्रामीण क्षेत्र में 1499 मरीज संख्या दर्ज की गई है। सभी मरीज ग्रामीण के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य केंद्र, मेडिकल, मेयो व एम्स आदि संस्थानों में पंजीकृत हुए हैं। जिले में कुष्ठरोगियों से संबधित विविध सेवा सुविधाओं के लिए 17 केंद्र हैं। इन केंद्राें से ही मरीजों का उपचार हो रहा है।

हर महीने शहर में 38 व ग्रामीण में 122 मरीज

कुष्ठरोगियों की संख्या हर साल बढ़ रही है। 2021 में सालभर की संख्या 586 थी। 2022 में यह संख्या 51 से बढ़कर 637 हो गई है। 2023 की बात करें तो इस साल के केवल 5 महीने ही बीते हैं। इन 5 महीनों में जिले में 802 नये मरीजों का पता चला है। यानी हर महीने औसत 160 मरीज मिल रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 38 और ग्रामीण क्षेत्र में 122 मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में निर्धारित अवधि में कुष्ठरोग का सफाया करना मुश्किल दिखायी दे रहा है। स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय के कुष्ठरोग विभाग द्वारा जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र जैसे जेल, ईंटभट्ठी, माइन्स, आश्रम शालाएं आदि में 30 जून तक विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को कुसुम (कुष्ठमुक्त सुरक्षित महाराष्ट्र) रखा गया है। जिले में पिछले साल राष्ट्रीय कुष्ठरोग निर्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 13 से 30 सितंबर तक अभियान चलाया गया था। उस समय 289 नये मरीजों का पता चला था। इसके लिए जिले में 1732 टीम व 346 पर्यवेक्षक स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा नियमित कार्यक्रम अंतर्गत कुष्ठरोगियों का सर्वेक्षण शुरु रखा जा रहा है।

Created On :   6 Jun 2023 1:47 PM IST

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