नागपुर: अधिकारियों के अड़ियल रवैए से जनऔषधि केंद्र बंद

अधिकारियों के अड़ियल रवैए से जनऔषधि केंद्र बंद
  • मनपा के अस्पतालों में खोले गए थे सस्ती दवा के 2 केंद्र
  • अड़ियल रवैए से जनऔषधि केंद्र बंद
  • पीएमबीआई को अधिकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्र सरकार ने गरीबों को कम दाम में दवाइयां उपलब्ध कराने जनऔषधि उपक्रम शुरू किया। नागपुर महानगरपालिका ने अपने अधिनस्थ अस्पतालों में जनऔषधि दुकान खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी देने ई-टेंडर निकाला और दो अस्पतालों में पुअर पिपल वेलफेअर सोसाइटी को दुकान खोलने के लिए जगह आवंटित की गई। सोसाइटी और मनपा के बीच 3 साल का करार हुआ। यह अवधि समाप्त होने पर मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी ने दुकान खाली करने का पत्र दिया है। मनपा अधिकारियों के अड़ियल रवैए से जनऔषधि दुकान बंद करने की नौबत आने की व्यथा औषधि विक्रेता रेवाराम शामकुंवर और भीमराव चव्हाण ने पत्र परिषद में बयां की।

करार नूतनीकरण सरकारी नीति

उन्होंने बताया कि, 3 साल करार की अवधि समाप्त होने पर अगले तीन साल के लिए नूतनीकरण करने की सरकारी नीति है। केंद्र सरकार की नीति का अनुकरण करते हुए सोसाइटी ने करार का नूतनीकरण करने का प्रस्ताव मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र बहिरवार के पास पेश किया। उन्होंने करार पर हस्ताक्षर करने से मना करते हुए प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया और नोटिस भेजकर दुकान खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल, आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी से मिलकर केंद्र सरकार की नीति पर चर्चा कर नूतनीकरण की मांग की गई, लेकिन कहीं से भी सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला।

पीएमबीआई को अधिकार

जनऔषधि योजना के संपूर्ण अधिकार केंद्र सरकार की पीएमबीआई समिति को है। मनपा की जिम्मेदारी ई-निविदा निकालकर जगह आवंटित करने की है। योजना चालू रखना या बंद करने का निर्णय पीएमबीआई लेती है। मनपा अधिकारी अड़ियल रवैया अपनाकर दुकान बंंद करने पर तुले हैं। उनके इस रवैए से गरीबों का सस्ती औषधि का अधिकार छीना गया है। केंद्र सरकार की योजना बंद करने में मनपा अधिकारियों के मनमानी करने का आरोप उन्होंने लगाया।

Created On :   19 Nov 2023 7:01 PM IST

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