स्पिक मैके - गोम्बेयट्टा, पुरुलिया छाऊ, मालवी गीतों ने मन मोहा

स्पिक मैके -  गोम्बेयट्टा, पुरुलिया छाऊ, मालवी गीतों ने मन मोहा
अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में पहुंचे लोक कलाकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के बजाज नगर स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्था (वीएनआईटी) "सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक अमंग्स्ट यूथ' (स्पिक मैके) के 8वें अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन दर्शकों ने कर्नाटक के प्रसिद्ध गोम्बेयट्टा नामक कठपुतलियों के खेल, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के लोक संगीत पुरुलिया छाऊ और मध्यप्रदेश की लोक कला मालवी कबीर भजनों का आनंद लिया। कर्नाटक के प्रसिद्ध लोक कलाकार भास्कर कोग्गा कामथ और उसके साथियों ने गोम्बेयट्टा की प्रस्तुति दी। इस लोकनाट्य को यक्षगान नाम से भी जाना जाता है। कलाकारों की प्रतिभा से कठपुतलियों को साक्षात जीवन मिलता प्रतीत हुआ।

उन्होंने अपनी कहानियों और काव्यों से रामायण के पात्रों को दर्शकों के सामने रखा। पश्चिम बंगाल व ओडिशा के लोक कलाकार तारापद रजक और उनके समूह ने पुरुलिया छाऊ नृत्य पेश किया, जिसमें मिट्टी से बने मुखौटों और पौराणिक वेशभूषा के माध्यम से मोहक प्रस्तुति दी गई। ऐसे ही प्रल्हाद सिंह टिपानिया व उनकी टीम ने मालवी लोकशैली के कबीर भजनों से मध्यप्रदेश की संस्कृति को दर्शकों के समक्ष पेश किया। गुरुबिना मिले न मोक्ष, गुरु शरण मे रहना रे मन तू जैसे गीतों को श्रोताओं का भरपूर प्रतिसाद मिला। इस दौरान पुंगचोलम गुरु क्रिती सिंह, वीएनआईटी प्राध्यापक डॉ. अर्घ्य मित्रा, सुनंदा रेड्डी व प्रेरणा श्रीमाली ने कलाकारों का स्वागत सत्कार किया।

योगनिद्रा का लिया अनुभव

बिहार योग विश्वविद्यालय के स्वामी त्यागराज सरस्वती ने दोपहर के सत्र में योगनिद्रा का प्रत्यक्ष अनुभव कराया। शहर के विविध आज्ञाचक्रों को भेदकर शरीर पर, श्वास पर नियंत्रण हासिल करके जागृत निद्रा प्राप्त करने का हुनर दिखाया। अगले तीनों दिन दोपहर के सत्र में योग निद्रा का प्रात्याक्षिक होगा।

Created On :   1 Jun 2023 1:04 PM IST

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