हलचल तेज: अवैध धंधों पर एसपी दस्ते की बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक

अवैध धंधों पर एसपी दस्ते की बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक
  • दस्ते को रोकने लगाने लगे गुहार
  • एलसीबी दस्ते के 6 मोबाइल का राज

डिजिटल डेस्क, नागपुर. ग्रामीण क्षेत्र में जब से एसपी के दस्ते ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ शुरू की है, तब से एलसीबी के दस्ते और उनके प्रमुख बेचैन हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, एसपी के दस्ते की कार्रवाई से एलसीबी के दस्ते की कई कारगुजारियों पर प्रतिबंध लग गया है। एक लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्र में एलसीबी के दस्ते कार्यरत हैं, लेकिन उनकी कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नजर नहीं आती है।

प्रमाण हैं ये अवैध धंधे

उपराजधानी में पड़ोसी राज्यों से गोवंश, गुटखा, प्रतिबंधित सुगंधित तंबाकू, रेत की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है। चर्चा है कि यह सारा माल नागपुर एलसीबी के दस्ते की सांठ-गांठ से नागपुर में पहुंचता है। नागपुर में अवैध धंधे में लिप्त आरोपियों को अपना माल पहुंचाने के बदले में लाखों रुपए नागपुर एलसीबी के दस्ते पर न्योछावर करना पड़ता है।

दस्ते को रोकने लगाने लगे गुहार

यह सब पता चलने पर पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने अपना विशेष दस्ता गठित कर दिया। एसपी के नए दस्ते के गठन से अवैध धंधे में लिप्त आरोपियों की कमर टूट गई है। एसपी के इस दस्ते की कार्रवाई की अब तारीफ हो रही है, पर एलसीबी प्रमुख के कुछ समर्थक एसपी के नए दस्ते को बंद करने के लिए नेताओं की देहरी पर दस्तक देने पहुंच गए।

हर माह लाखों की वसूली की चर्चा : अभी तक एलसीबी के दस्ते ने अवैध धंधे में लिप्त आरोपियों को पूरी तरह संरक्षण दे रखा था। जानकारों के अनुसार ग्रामीण का एलसीबी दस्ता सब कुछ सेटिंग के आधार पर काम करता आ रहा था। हर माह लाखों की वसूली की चर्चा है। यही कारण है कि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन एसपी के दस्ते ने कार्रवाई शुरू की तो इनकी नोंक-झोंक शुरू होने लगी है।

एलसीबी दस्ते के 6 मोबाइल का राज

एलसीबी के दस्ते में इन दिनों 6 मोबाइल फोन का इस्तेमाल अवैध धंधे के लिए होने की चर्चा है। इन फोन का इस्तेमाल करनेवाले जिन कर्मियों का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है, उनमें मयूर नामक एक कर्मचारी प्रमुख है। यह पहले बुटीबोरी में ट्रैफिक में था। बुटीबोरी के तत्कालीन थानेदार को एलसीबी का प्रमुख बनाते ही उन्होंने मयूर की तरह अमित, नीलेश, नारायण और निखिल ऐसे नाम हैं, जिन्हें एलसीबी में अटैच करवाया गया, जिससे एलसीबी के अधिकारियों का हाथ और मजबूत हो गया, लेकिन पिछले दो साल से उमरेड, भिवापुर, कुही, खापरखेडा, कन्हान, भंडारा सहित अन्य कई क्षेत्र से शहर की ओर आने वाले अवैध कारोबारियों के खिलाफ एलसीबी के दस्ते ने कोई कार्रवाई नहीं की।

रिसोर्ट और फार्म हाउस भी बन गए अवैध अड्डे : ग्रामीण क्षेत्र में माफियाराज पर एसपी ने शिकंजा कस दिया है। इससे एलसीबी के प्रमुख सहित अन्य कर्मियों में खलबली मच गई है। पिछले दिनों बुटीबोरी से निकली गांजे की खेप को बेलतरोड़ी क्षेत्र में पकड़ा गया था। शहर की पुलिस के खौफ से माफियाओं ने ग्रामीण क्षेत्र के रिसोर्ट और फार्म हाउस को अवैध धंधे का ठिकाना बना लिया है। कई लोगों ने नागपुर शहर के गोदाम को ग्रामीण क्षेत्र में शुरू कर दिया है, इसमें राशन माफिया का भी समावेश बताया जा रहा है। क्रिकेट बुकियों ने ग्रामीण को `सेफ जोन' बना लिया है। ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वालों पर खास नजर है। कुछ पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों पर जल्द ही गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है।

आरोपियों से कोई हमदर्दी नहीं : अब एलसीबी दस्ते को अपनी दुकान बंद होती नजर आ रही है। खापरखेडा में मुराद, अभिषेक के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी एलसीबी कार्रवाई करने से बचती रही है। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ गौशाला से गोवंश बेचने की चर्चा भी होती रही है, लेकिन एलसीबी के दस्ते ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे ही कई अवैध धंधे में लिप्त आरोपियों को संरक्षण देने का काम एलसीबी कर रही थी, लेकिन एसपी पोद्दार ने साफ कह दिया है कि उन्हें अवैध धंधे में लिप्त आरोपियों से कोई हमदर्दी नहीं है और उनसे हमदर्दी रखने वाले पुलिसकर्मियों की भी खैर नहीं।

Created On :   29 Oct 2023 6:10 PM IST

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