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नागपुर में पेंच क्षेत्र से भी आएगा दूध, 3 गांवों में बांटे गए दुधारू मवेशी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब नागपुर में पेंच क्षेत्र से भी दूध आनेवाला है। इसमें वन विभाग का मुख्य सहयोग होगा। वन विकास निगम महाराष्ट्र कॉरपोरेशन सोल रिस्पॉन्सिबिलिटी के माध्यम से 25 लाख की निधि इसके लिए दी गई है। 40 से ज्यादा दुधारू गाय तीन गांवों में वितरित किए हैं। पारशिवनी तहसील में एक दूध संकलन केन्द्र की भी स्थापना की गई है। सोसाइटी के माध्यम से नागपुर की एक सोसाइटी से टाई-अप कर उपरोक्त संकलन केन्द्र से नागपुर शहर में भी दूध वितरित किया जाने वाला है।
प्रचार-प्रसार पर बल : यह परियोजना पारशिवानी तालुका के नागलवाड़ी वन पार्क में स्थित है। इस परियोजना के तहत आवलेघाट, मकरधोकड़ा और चारगांव आदि गांवों में 40 से अधिक गायों का वितरण किया गया है। ग्रामीणों ने शिवस्वराज्य सहकारी समिति नामक एक सहकारी समिति बनाई है। उन्होंने दूध की खरीद के लिए नागपुर की संस्था से एमओयू किया है। इस प्रोजेक्ट लॉन्च करने से पहले प्रमुख सदस्यों ने छत्तीसगढ़ और उमरेड आदि स्थानों पर सफल प्रोजेक्ट्स का दौरा किया। इस संग्रह केंद्र में पनीर और आइसक्रीम बनाने की इकाई शुरू करने की भी योजना है। सोसाइटी अन्य जगहों पर कलेक्शन सेंटर बढ़ाकर सदस्यों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों की बैठक कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
त्रिपक्षीय एमओयू किया जा रहा : इसके अलावा, वन विभाग लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अन्य स्रोतों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। समूची गतिविधियों के समन्वय के लिए ईडीसी (पारिस्थितिकी विकास समिति), सहकारिता और संग्रहण केंद्रों के बीच त्रिपक्षीय एमओयू किया जा रहा है। जंगल पर इस पहल के चराई के दबाव को कम करने के लिए, केवल स्टाल फीडिंग की अनुमति है। इसलिए उन लोगों को मवेशी दिए जा रहे हैं, जिन्होंने चारे की खेती की है। परियोजना का पेंच के बफर जोन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा, लोगों के साथ बेहतर संपर्क स्थापित होगा और वन क्षेत्र पर दबाव कम होगा।
Created On :   7 Jun 2023 10:55 AM IST