Nagpur News: आरएसएस की महिला विंग के प्रमुख रही प्रमिला ताई मेंढे का देहावसान,एम्स अस्पताल को देह दान

  • सरसंघचालक भागवत, मुख्यमंत्री फडणवीस, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने शोक संवेदना व्यक्त की
  • क्रमश: नगर, विभाग, प्रांत स्तर के दायित्व संभाले

Nagpur News राष्ट्रसेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका प्रमिलाताई मेंढे का देहावसान हो गया। वे 97 वर्ष की थी। समिति को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला विंग माना जाता है। गुरुवार की सुबह 9.05 बजे धंतोली स्थिति अहिल्या मंदिर में प्रमिलाताई ने अंतिम सांस ली। उन्होंने देह दान का संकल्प लिया था। उनका पार्थिक शरीर शुक्रवार को सुबह 8 बजे एम्स अस्पताल को दान किया जाएगा। संघ कार्य के लिहाज से प्रमिलाताई का जीवन तपस्वी रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत, राष्ट्रसेविका समिति की प्रमुख संचालिक शांताक्का ने प्रमिलाताई के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

8 जून 1929 को राज्य में नंदूरबार में जन्मीं प्रमिलाताई का जीवन संघ कार्य के लिए संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने संघ व हिंदूवादी संगठनों के कई ऐतिहासिक व्यक्तियों के सानिघ्य में कार्य किया है। राष्ट्रसेविका समिति का मुख्य कार्यालय अहिल्या मंदिर है। 1965 में इस कार्यालय के निर्माण के साथ ही प्रमिलाताई यहीं रहने लगी थी। उनके लेख, भाषण काफी प्रभावशाली रहे हैं। राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका लक्ष्मीताई केलकर उर्फ मौसी का उनपर गहररा प्रभाव था। मौसी जी के निकट सान्निध्य में रहकर उन्होंने स्त्री शक्ति के नव जागरण के संगठन सूत्रों को समझा-सीखा। स्नातक एवं शिक्षक प्रशिक्षण पूर्ण कर उन्होंने नागपुर के सी.पी. एण्ड बरार उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो वर्ष अध्यापन कार्य भी किया। बाद में उन्होंने वरिष्ठ अंकेक्षक (आडिटर) की सरकारी नौकरी भी की, किन्तु समिति के कार्य के लिए सेवानिवृत्ति से 12 वर्ष पूर्व ही स्वैच्छिक अवकाश ले लिया।

राष्ट्र सेविका समिति की शाखा स्तर के दायित्व से लेकर उन्होंने क्रमश: नगर, विभाग, प्रांत स्तर के दायित्व संभाले। 1950 से 1964 तक वे विदर्भ प्रांत की कार्यवाहिका रहीं। सन् 1965 से 1975 तक केन्द्रीय कार्यालय प्रमुख, 1975 से 1978 तक आन्ध्र प्रदेश की पालक अधिकारी, 1978 से 2003 तक 25 वर्ष का लम्बा कालखण्ड उन्होंने समिति की अ.भा. प्रमुख कार्यवाहिका के रूप में व्यतीत किया और संपूर्ण भारत सहित समिति कार्य के लिए इंग्लैण्ड, अमरीका, कनाडा, डरबन आदि देशों का प्रवास भी किया। अमरीका में न्यूजर्सी शहर के महापौर द्वारा इन्हें “मानद नागरिकता” भी प्रदान की गई।

फरवरी, 2003 से उन पर समिति की सह प्रमुख संचालिका का दायित्व आया। इस दायित्व पर रहते हुए उन्होंने मौसी जी के जन्मशताब्दी वर्ष में 2 अगस्त 2003 से 2 मई 2004 तक 266 दिनों की भारत परिक्रमा मौसी जी की जीवन-प्रदर्शनी के साथ निजी वाहनों से की। कन्याकुमारी से लेकर नेपाल, जम्मू-कश्मीर एवं जूनागढ़ से लेकर इम्फाल तक इस कठिन यात्रा में उन्होंने लगभग 28000 कि.मी. की यात्रा कर संपूर्ण देश को स्त्री शक्ति के संगठन व जागरण का महामंत्र दिया।


Created On :   31 July 2025 4:09 PM IST

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