Nagpur News: मेडिकल की इमारतों के निर्माण कार्य में वायु गुणवत्ता नियमों की अनदेखी, धूल-मिट्‌टी से परेशान चालक

मेडिकल की इमारतों के निर्माण कार्य में वायु गुणवत्ता नियमों की अनदेखी, धूल-मिट्‌टी से परेशान चालक
  • मेडिकल की इमारतों के निर्माण कार्य में वायु गुणवत्ता नियमों की अनदेखी
  • मुझे जानकारी नहीं, ठेका एजेंसी के अनुबंध में प्रावधान मौजूद

Nagpur News. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल के भीतर इमारतों के निर्माणकार्य का खामियाजा शहर में नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। इमारतों की खुदाई के लिए निकलने वाली मिट्‌टी को 70 ट्रकों में भरकर बगैर ढंके टीबी वार्ड में डाला गया। ट्रक से रास्ते पर मिट्‌टी के आने से बरसात में वाहन फिसल रहे है। वहीं अब धूप निकलने पर मिट्‌टी के सूखने से धूल वातावरण में फैल रही है। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों से निगरानी भी नहीं हो रही है। वहीं दूसरी ओर महानगरपालिका प्रशासन से भी परिसर में धूलकणों के बढ़ने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लोकनिर्माण विभाग के मेडिकल इंटीग्रेटेड शाखा से मेडिकल कालेज और अस्पताल परिसर में विविध इमारतों का 450 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणकार्य हो रहा है। इसमें 120 बेड क्षमता पीजी होस्टल, 400 बेड क्षमता के गर्ल्स होस्टेल, के साथ ही 80 बेड के पेईंग वार्ड का समावेश है। इसके अलावा अस्पताल और काॅलेज परिसर में इमारतों के नवीनीकरण और नर्सिंग कालेज की इमारत और पार्किग प्लाजा का निर्माणकार्य हो रहा है। इन कामों की जिम्मेदारी सादिक एंड कंपनी को दी गई है। इस कंपनी नेे पार्किग प्लाजा समेत अन्य इमारतों की बुनियादी को तैयार करने के लिए खुदाई कर मिट्‌टी को निकाला है। पिछले 1 माह से करीब 70 ट्रक में भरकर मिट्‌टी को टीबी वार्ड के खुले मैदान में रखा गया। अब मिट्‌टी को वापस ट्रकों में भरकर इमारतों के भीतर समतल करने के लिए लाया जा रहा है।

निगरानी नहीं

मेडिकल काॅलेज में जारी निर्माणकार्य की मिट्‌टी को एक माह से करीब 70 ट्रक में लादकर टीबी वार्ड परिसर में जमा किया गया। इस दौरान ट्रकों को ढंकने की कोई भी व्यवस्था नहीं होने से सीमेंट रास्ते पर मिट्‌टी के ढेर लग गए। बरसात में पानी पड़ने के बाद जहां रास्ते पर फिसलन हो रही है, वहीं धूप आने के बाद मिट्‌टी सूखकर धूल के रूप में उड़ रही है। ठेका एजेंसी की लापरवाही पर निगरानी के लिए लोकनिर्माण विभाग का कोई भी अभियंता पहुंच नहीं रहा है। अब एक बार फिर से परेशानी खड़ी हो गई है। टीबी वार्ड से दोबारा से मिट्‌टी को मेडिकल कालेज में निर्माणाधीन इमारतों में डालने के लिए ट्रकों से पहुंचाया जा रहा है।

हवा में खतरा, मनपा भी लापरवाह

साल भर पहले शहर में महानगरपालिका ने राष्ट्रीय शुद्ध वायु अभियान को लेकर नियमावली बनाई है। नियमावाली के तहत निर्माणकार्य स्थल पर ग्रीन शेड लगाने, सामग्री को लेकर जाने वाले मिट्‌टी को ढंककर ले जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही धूल कणों को उड़ने से बचाने के लिए स्प्रिंककलर से पानी का छिड़काव भी करना है, लेकिन मेडिकल कालेज परिसर में ट्रकों से मिट्‌टी की आवाजाही से धूल कण उड़ने पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है। मनपा के सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की अधीक्षक अभियंता श्वेता बनर्जी से मेडिकल के मामले को लेकर जानकारी लेने का प्रयास किया गया। श्वेता बनर्जी ने मामले की जानकारी लेने का आश्वासन दिया।

मुझे जानकारी नहीं, ठेका एजेंसी के अनुबंध में प्रावधान मौजूद

भरत मेश्राम, उप अभियंता, इंटीग्रेटेड मेडिकल विभाग के मुताबिक मेडिकल कालेज परिसर से टीबी वार्ड में मिट्‌टी को ट्रक से लेकर जाने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। ठेका एजेंसी के अनुबंध में सुरक्षित रूप में सामग्री के परिवहन को लेकर प्रावधान होता है। ठेका एजेंसी को मनपा के नियमों की जानकारी होनी चाहिए।


Created On :   1 Sept 2025 7:01 PM IST

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