- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- रोहित पवार पर बरसे बावनकुले बोले -...
Nagpur News: रोहित पवार पर बरसे बावनकुले बोले - आरोप सिद्ध करें, अन्यथा राजनीति से सन्यास लें

- इंजीनियरिंग कंपनी को 94 करोड़ के दंड में राहत देने का विवाद
- आरोप सिद्ध करें, अन्यथा राजनीति से सन्यास लें
Nagpur News. इंजीनियरिंग कंपनी को 94 करोड़ रुपये के आर्थिक दंड से राहत देने के आरोप पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार को चुनौती दी कि वे अपने आरोप सिद्ध करें, अन्यथा राजनीति से सन्यास लें।
सोमवार को बावनकुले ने कहा “मेरे कार्यकाल में किसी कंपनी का आर्थिक दंड कम नहीं किया गया। रोहित पवार बिना अध्ययन के झूठे आरोप लगाकर पब्लिसिटी बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता झलकती है।”
इससे पहले रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर आरोप लगाया था कि मेघा इंजीनियरिंग कंपनी पर लगाए गए 94 करोड़ रुपये के दंड को घटाकर केवल 17 लाख कर दिया गया।
ओबीसी उपसमिति की बैठक 10 सितंबर को
बावनकुले ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कहा कि किसी भी परिस्थिति में ओबीसी वर्ग का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए 10 सितंबर को मुंबई में राज्य सरकार की उपसमिति की बैठक होगी। इसमें मंत्री छगन भुजबल, पंकजा मुंडे, दत्ता भरणे, गुलाबराव पाटील सहित 6-7 मंत्री शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार को यदि कोई आशंका है तो उन्हें उपसमिति के सामने अपनी बात रखनी चाहिए। ओबीसी प्रमाणपत्र आसानी से नहीं मिलेगा; इसके लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। “अधिकारियों पर दबाव डालकर प्रमाणपत्र हासिल नहीं किए जा सकते,” उन्होंने स्पष्ट किया।
रोहित पवार का पलटवार
रोहित पवार ने एक्स पर विधानसभा में दिए गए सरकारी उत्तर की प्रति साझा करते हुए लिखा, “मैं सबूत के बिना कुछ नहीं कहता। यह रहा सबूत। चंद्रशेखर बावनकुले जी, आपको सन्यास लेने के लिए तो नहीं कह सकता, लेकिन जनता को ज़रूर उत्तर देना चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई 2025 में उनकी ही पार्टी के विधायक बबनराव लोणीकर के सवाल पर सरकार ने स्वीकार किया था कि अवैध उत्खनन के मामले में परतूर तहसीलदार ने 55.88 करोड़ और जालना के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने 38.70 करोड़ रुपये का दंड ठोंका था। कुल 94.68 करोड़ रुपये का दंड मेघा इंजीनियरिंग पर लगाया गया था। कंपनी की अपील पर विभागीय आयुक्त ने राहत देने से इनकार किया, लेकिन राजस्व मंत्री के स्तर पर सुनवाई में दंड घटाकर केवल 17 लाख कर दिया गया और जब्त सामग्री भी लौटा दी गई। रोहित पवार ने सवाल उठाया कि कंपनियों पर ऐसी दरियादिली दिखाई जाती है, तो किसानों के मामलों में यह संवेदनशीलता क्यों नहीं?
Created On :   8 Sept 2025 9:02 PM IST