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Nagpur News: सेप्सिस से निपटने सामूहिक प्रयास की आवश्यकता, एम्स और वीएनआई में खास कार्यक्रम

Nagpur News. सेप्सिस जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी हैं। एम्स संस्थान सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है। बीमारियों का समय पर रोकथाम व उपचार से अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। ऐसा एम्स नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी ने कहा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर ने वर्ल्ड सेप्सिस वीक मनाया। एनेस्थीसियोलॉजी विभाग की ओर से कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत रेजिडेंट डॉक्टर्स और नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक सत्रों से हुई। इसके बाद मरीजों और उनके परिजनों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। वर्ल्ड सेप्सिस वीक का मुख्य कार्यक्रम विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीएनआईटी) नागपुर में आयोजित हुआ। यहां इंजीनियरिंग छात्रों को सेप्सिस और इसकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई।
शरीर का भीतरी संक्रमण पहुंचाता है नुकसान
एनेस्थीसियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. गजानन एन. चव्हाण और संयोजक डॉ. नंदकिशोर जोशी ने जागरूकता, समय पर पहचान और इलाज की अहमियत पर जोर दिया। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. निलेश जी. नागदेवे ने समय पर टीकाकरण और व्यक्तिगत स्वच्छता को सेप्सिस के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण बताया। सेप्सिस के बारे में बताया गया कि यह वह स्थिति है, जब शरीर का भीतरी संक्रमण के खुद ही शरीर के अंगों व पेशियों को नुकसान पहुंचाने लगता है। समय पर उपचार नहीं मिलने से अंग काम करना बंद करने का खतरा बना रहता है। ऐसे में यह स्थिति मौत का कारण बन सकती है। बताया गया कि विश्व में हर साल करीब 5 करोड़ लोग सेप्सिस से प्रभावित होते हैं। जिनमें से लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। भारत में ही सालाना 1.13 करोड़ मामले सामने आते हैं। इससे अनुमानित 29 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। एम्स का यह प्रयास सेप्सिस के प्रति जागरुकता, नियंत्रण व होनेवाली मौत की संख्या को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया गया है।
Created On :   23 Sept 2025 6:09 PM IST