Nagpur News: ग्रामीण आरटीओ में 3 घंटे तनाव, 100 से ज्यादा स्कूल बसें खड़ी कर जताई नाराजगी

ग्रामीण आरटीओ में 3 घंटे तनाव, 100 से ज्यादा स्कूल बसें खड़ी कर जताई नाराजगी
  • आश्वासन के बाद खाली किया परिसर
  • वैकल लोकेशन ट्रैकिंग सीस्टम का मामला

Nagpur News. सोमवार को सुबह 9 से 12 बजे तक नागपुर के ग्रामीण आरटीओ परिसर में स्कूल बस चालकों ने हंगामा किया। हाल ही में लागू व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीडी) अपडेट की नीति को लेकर नाराज चालकों ने परिसर को जाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक 100 से अधिक स्कूल बसें परिसर में खड़ी रहीं, जिससे आरटीओ का कामकाज ठप हो गया। दोपहर 12 बजे आरटीओ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हुई, और चालकों ने बसें हटाईं। हालांकि, इस मुद्दे का स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकला है।

स्कूल बसों में वीएलटीडी एक तकनीकी समाधान है, जो जीपीएस और संचार प्रौद्योगिकियों के माध्यम से बस की वास्तविक समय स्थिति, गति, और मार्ग की जानकारी देता है। इसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अभिभावकों, स्कूल प्रशासन, और बस ऑपरेटरों को पारदर्शी जानकारी प्रदान करना है। बस में लगाया गया जीपीएस डिवाइस उपग्रहों से संकेत प्राप्त कर बस की सटीक स्थिति बताता है। यह सिस्टम बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयोगी है, लेकिन इसके लागू करने का समय और फिटनेस प्रक्रिया में तालमेल की कमी से चालकों में असंतोष है।

चालकों का कहना है कि वाहन का फिटनेस प्रमाणपत्र दो साल का होता है, और वीएलटीडी का फिटनेस भी दो साल का है। लेकिन नए नियम के अनुसार, वाहन फिटनेस के दिन ही वीएलटीडी को अपडेट करना अनिवार्य है। इससे वाहन मालिकों को एक साल बाकी रहने पर भी फिटनेस रिन्यूअल के लिए 8,500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। चालक इस नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई न होने से सोमवार को स्कूल के पहले दिन उन्होंने प्रदर्शन किया। सुबह 9 बजे से बसें परिसर में खड़ी करने के कारण कुछ समय तक आरटीओ का कामकाज प्रभावित रहा। चालकों ने नीति में सुधार की मांग को लेकर नारेबाजी की। आरटीओ अधिकारी विजय चव्हाण ने बताया, “जो भी दिशानिर्देश हैं, वे केंद्र सरकार के हैं।

क्या है परेशानी?

वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र और वीएलटीडी फिटनेस दोनों की अवधि दो साल है।

नए नियम में फिटनेस के दिन वीएलटीडी अपडेट अनिवार्य है।

एक साल बाकी रहने पर भी रिन्यूअल के लिए 8,500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

चालक नीति में सुधार की मांग कर रहे हैं।

Created On :   23 Jun 2025 5:37 PM IST

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