Nagpur News: जिला परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां हुईं तेज

जिला परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां हुईं तेज
  • इच्छुकों ने शुरू किया जनसंपर्क
  • पूर्व सदस्यों को सताने लगी है सुरक्षित सीट की चिंता

Nagpur News. जिला परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। नागपुर जिला परिषद का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो चुका है। जिला परिषद की बागडोर प्रशासक के हाथ में है। चुनाव लड़ने के लिए इच्छुकों ने जनसंपर्क शुरू कर दिया है। पूर्व सदस्यों को सुरक्षित सीट की चिंता सताने लगी है। उन्होंने अपने लिए सुरक्षित सीट की तलाश शुरू कर दी है।

सर्कल पुनर्रचना में फेरबदल की संभावना : चुनाव से पहले सर्कल की पुनर्रचना और आरक्षण तय किया जाता है। अदालत सर्कल पुनर्रचना करने के सरकार को आदेश दे चुकी है। नई सर्कल पुनर्रचना में अनेक सर्कल में बदलाव की संभावना है। 10 ग्राम पंचायतों को नगर परिषद तथा नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने से इस बार सर्कल पुनर्रचना में भारी फेरबदल हो सकता है।

पुरुष सदस्यों के सामने पेंच:साल 2020 के चुनाव में जिस सर्कल से पुरुषों ने चुनाव लड़ा था, उनके सामने आरक्षण का पेंच है। उस सर्कल को इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित करने पर पुरुष चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्हें नए सर्कल की तलाश करनी पड़ेगी। अनेेक पूर्व सदस्य पुराने सर्कल से सटे नए सर्कल में एंट्री करने की तैयारी में हैं। जो नए सर्कल में अपने-आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उन्होंने अपना सर्कल महिलाओं के लिए आरक्षित होने पर पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की मानसिकता बनाई है।

पांच साल में इन ग्रापं को मिला नप-नपं का दर्जा

बेसा-पीपला (नगर पंचायत)

बहादुरा (नगर पंचायत)

कांद्री (नगर पंचायत)

डिगडोह (नगर परिषद)

नीलडोह (नगर पंचायत)

बीड़गांव-तरोड़ी खुर्द-पांढुर्णा (नगर पंचायत)

कोंढाली (नगर पंचायत)

गोधनी रेलवे (नगर पंचायत)

कोंढाली (नगर पंचायत)

येरखेड़ा (नगर पंचायत)

सदस्य संख्या कम हो सकती है

पिछले चुनाव में जिला परिषद सदस्य संख्या 58 थी। पांच साल में 10 ग्राम पंचायतों को नगर परिषद तथा नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। नीलडोह जिप सर्कल लगभग पूरा नगर पंचायत क्षेत्र में चला गया। उस सर्कल से जिप का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्य की सदस्यता उसी समय रद्द कर दी गई थी। उसके अलावा अन्य ग्राम पंचायतों डिगडोह, गोधनी रेलवे, बीड़गांव, येरखेड़ा, कोंढाली, बेसा-पीपला, बहादुरा, कांद्री ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। इन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या लाखों में है। उसे जिला परिषद के दायरे से हटाए जाने से जिला परिषद सर्कल पुनर्रचना पर उसका असर होगा। उसे देखते हुए इस बार जिला परिषद की सदस्य संख्या 58 से घटकर 56 पर सिमटने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसे देखते हुए जिला परिषद चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है।


Created On :   19 May 2025 6:05 PM IST

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