Nagpur News: डॉग स्कॉड की मदद से बाघ की तलाश, पारशिवनी में पीछा कर रहे हैं खोजी कुत्ते

डॉग स्कॉड की मदद से बाघ की तलाश, पारशिवनी में पीछा कर रहे हैं खोजी कुत्ते
  • पिछले तीन दिनों में दो किसानों की जान ली
  • डॉग स्कॉड की मदद से बाघ की तलाश शुरु

Nagpur News. पारशिवनी तहसील में पिछले तीन दिनों में दो किसानों की जान लेने वाले बाघ को लेकर वन विभाग के सामने दुविधा बनी हुई है। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि दोनों हमले एक ही बाघ ने किए या अलग-अलग बाघ इसके लिए जिम्मेदार हैं। ग्रामीणों में दहशत के कारण वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू की है। नवेगांव-नागझिरा, अमरावती और पेंच की रैपिड रेस्क्यू टीम (आरआरटी) के साथ अब स्नैपर डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है, ताकि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

जिले के प्रादेशिक जंगल में शामिल पारशिवनी का जंगल पेंच टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते किसानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इस साल अब तक पांच किसानों की बाघों के हमले में मौत हो चुकी है। पहले तीन हमलों के बाद वन विभाग ने बाघों को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन एक महीने पहले किसान की जान लेने वाला बाघ घने जंगल में चला गया था, जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। हालांकि, यह राहत ज्यादा दिन नहीं टिकी। पिछले पांच दिनों में दो और किसानों की बाघ के हमले में मौत हो गई। दोनों किसान जंगल के पास गए थे, जहां बाघ ने मौका देखकर हमला किया।

इन घटनाओं के बाद वन विभाग ने बाघों को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि दोनों हमले एक ही बाघ ने किए या अलग-अलग बाघों ने। इस स्थिति को सुलझाने के लिए डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है। पारशिवनी तहसील के 16 गांवों में भय का माहौल है। वन विभाग की टीमें इन गांवों के आसपास तैनात हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लोगों को अकेले खेतों या जंगल में न जाने और मशरूम या जंगली सब्जियां इकट्ठा करने से बचने की हिदायत दी गई है।

वन विभाग का कहना है कि कई बार ग्रामीणों की लापरवाही भी हमलों का कारण बनती है। लोग जंगल में मशरूम या सब्जियां तोड़ने जाते हैं, जहां बाघ उन्हें शिकार समझकर हमला कर देते हैं। विभाग ने ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की है और बाघों की निगरानी के लिए तकनीकी उपायों का सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्र में और जानमाल का नुकसान रोकने के लिए वन विभाग पूरी तरह सक्रिय है।

Created On :   30 July 2025 6:52 PM IST

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