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Nagpur News: नागपुर से फोन पर चर्चा के बाद तीसरी बार सीएम बने थे सोरेन, गरीब और पिछड़ों के लिए लगातार संघर्ष

- राज्य निर्माण में योगदान
- तीसरी बार सीएम बने थे सोरेन
- गरीब और पिछड़ों के लिए लगातार संघर्ष किया
Nagpur News. वैचारिक मतभेद के बाद भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के समर्थन से झारखंड में सरकार बनायी थी। शिबू सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। उस गठबंधन के लिए निर्णायक चर्चा नागपुर से फोन पर हुई थी। वर्ष 2009 में झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता थी। राष्ट्रपति शासन लगा था। तब सोरेन परिवार के एक सदस्य के माध्यम से शिबू सोरेन ने नागपुर में भाजपा की पूर्व नगरसेविका चेतना टांक से चर्चा की थी। टांक ने भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितीन गडकरी से शिबू सोरेन की चर्चा करायी। गडकरी दिल्ली, सोरेन रांची व टांक नागपुर में थे। फोन पर कांफरंस के माध्यम से चर्चा हुई। उसके बाद 28 दिसंबर 2009 को गडकरी से मिलने के लिए सोरेन मुंबई पहुंचे। 45 विधायकों के समर्थन से सरकार बनायी गई थी। चेतना टांक उद्यमी परिवार से संंबंधित हैं। उनका ननिहाल झारखंड में है। मार्च 2024 में टांक की मध्यस्थता से ही शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भाजपा में प्रवेश किया था। टांक ने सीता सोरेन को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलवाया था। झामुमो व भाजपा के गठबंधन को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में काफी तंज कसा था। कहा जा रहा था कि झामुमो क्षेत्रीय दल है। आदिवासियों को न्याय की मांग के साथ आंदोलनकारी भूमिका में वह कई बार वामपंथी दलों के करीब नजर आती है। भाजपा की विचारधारा उसके विपरित है। गठबंधन अधिक दिन नहीं टिक पाएगा। झामुमो व भाजपा के बीच तय हुआ था कि दोनों के सीएम 28-28 माह के होंगे। लेकिन 6 माह पूरे होने के पहले ही सरकार गिर गई। भाजपा ने झामुमो से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि बाद में भी गडकरी व सोरेन परिवार के बीच काफी अच्छे संबंध रहे। शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन राजनीतिक मामले में गडकरी को अपना आदर्श ठहराते रहे हैं। कुछ समय पहले दिल्ली के अस्पताल में शिबू सोरेन की तबियत का हाल जानने गडकरी पहुंचे थे। झामुमो व भाजपा के गठबंधन की निर्णायक चर्चा का वाक्या साझा करते हुए चेतना टांक ने कहा है कि सोरेन परिवार राजनीति के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में गहरी संवेदना रखता है। मेरे मामा व अन्य रिश्तेदारों से सोरेन परिवार का पारिवारिक संबंध रहा है।
गरीब,पिछड़ों के लिए लगातार संघर्ष
अजय संचेती, पूर्व राज्यसभा सदस्य ने बताया कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष भरा रहा। आदिवासी ही नहीं, गरीब , पिछड़ों के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। हेमंत सोरेन भाजपा के साथ थे तब दिल्ली में शिबू साेरेन से मुलाकात हुई। सामान्य जन के संबंध में उनका विचार काफी प्रेरक था। उन्होंने झारखंड के विकास को नई दिशा देने का प्रयास किया। उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।
राज्य निर्माण में योगदान
शिवाजीराव मोघे, पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस आदिवासी विभाग के मुताबिक झारखंड राज्य निर्माण में शिबू सोरेन का ऐतिहासिक योगदान रहा है। उन्होंने आदिवासियों के विकास व न्याय के लिए तमाम व्यवस्थाओं से संघर्ष किया। समाज का निज परिवार के समान स्नेह करते हुए सोरेन ने एक अलग राजनीति का इतिहास रचा है। आदिवासी विकास परिषद के माध्यम से उनका मार्गदर्शन पाता रहा हूं।
वंचित समाज के प्रतिनिधि
सुलेखा कुंभारे पूर्व राज्यमंत्री व बरिएम संयोजक के मुताबिक शिबू सोरेन राजनीति में वंचित समाज के प्रतिनिधि के तौर पर काम करते रहे। आदिवासी सहित अन्य समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयास करते रहे। उनके संघर्ष से कई आंदोलनकारियों को कार्य करने की प्रेरणा मिली रही।
Created On :   4 Aug 2025 8:31 PM IST