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Nagpur News: थोड़ी सी लापरवाही अन्नदाताओं पर पड़ सकती है भारी, विश्वसनीय स्थान से ही खरीदें खाद-बीज

- किसान प्रमाणित और विश्वसनीय स्थान से ही खरीदें खाद-बीज
- लापरवाही अन्नदाताओं पर पड़ सकती है भारी
- लाइसेंस प्राप्त केंद्र से ही करें खरीदारी
Nagpur News. नकली और मिलावटी बीजों के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा देशभर में विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, किसानों के हित में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ ने बीज और खाद की खरीददारी के समय आवश्यक सावधानियां बरतने का संदेश जारी किया है। इसीलिए किसानों को बीज प्रमाणित और विश्वसनीय स्थानों से ही खरीदना चाहिए। यह चेतावनी किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि थोड़ी सी लापरवाही किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकती है, इसलिए जागरूक रहना ही सफलता की कुंजी है।
लाइसेंस प्राप्त केंद्र से ही करें खरीदारी
किसानों को सलाह दी गई है कि वे केवल गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित, लाइसेंस प्राप्त कृषि सेवा केंद्र से ही बीज और खाद खरीदें। खरीददारी के समय रसीद (बिल) अवश्य लें, क्योंकि रसीद के बिना नकली या मिलावटी बीज की पहचान कर पाना कठिन हो सकता है।
सीलबंद पैकेट की करें पुष्टि
बीज और खाद के पैकेट सीलबंद और मुहरबंद हों, यह सुनिश्चित करें। साथ ही, पैकेट पर "अंकित 'अंतिम उपयोग की तारीख' अवश्य जांचें ताकि पुराने या खराब उत्पाद से बचा जा सके।
रसीद में सबूत रहेगा उपलब्ध
रसीद पर फसल का नाम, किस्म, लॉट नंबर, बीज कंपनी का नाम, खरीदार का पूरा नाम व पता, और विक्रेता की जानकारी अवश्य अंकित होनी चाहिए। यह सारी जानकारी खरीद को प्रमाणिक बनाती है और विवाद की स्थिति में काम आती है। खरीदे गए बीज का पैकेट, टैग, रसीद तथा उसमें से थोड़ा सा बीज और खाद का नमूना कटाई तक सुरक्षित रखें। इससे भविष्य में किसी प्रकार की शिकायत या जांच की आवश्यकता होने पर सबूत उपलब्ध रहेगा।
क्षेत्र के अनुसार बीज का चयन
अपने क्षेत्र में सफल किस्मों के बीज ही चुनें और सुनिश्चित करें कि वे उस मौसम के लिए अनुशंसित हों। भूमि की स्थिति और सिंचाई की उपलब्धता को ध्यान में रखकर बीज का चयन करें।
रासायनिक तत्वों की मात्रा जांचें
खाद की बोरी पर रासायनिक तत्वों की मात्रा जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस आदि स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य है। उदाहरण स्वरूप, डी.ए.पी. खाद में 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस की जानकारी होनी चाहिए। अगर ऐसा न दिखे या कीमत अधिक हो, तो नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें।
किसानों को ठगने के नए तरीके
डॉ. विनोद अ. खडसे, (विस्तार कृषि वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय) के मुताबिक आधुनिक युग में किसानों को ठगने के कई आधुनिक तरीके सामने आते हैं। कुछ दुकानदार थोड़े से लाभ के लिए किसानों को नकली या कम उपज देने वाले बीज बेचते हैं, जिससे उनकी पूरी फसल प्रभावित होती है। इससे किसान मानसिक रूप से टूट जाते हैं और कई बार आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। कृषि विद्यापीठ ने सभी किसानों से अपील की है कि वे जागरूक बनें और अपने खेत की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करें।
Created On :   25 May 2025 6:40 PM IST