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Nagpur News: उमरेड के व्यापारी को गुजरात के फैमिली कोर्ट ने भेजा जेल

- पत्नी और बेटी को बकाया गुजारा भत्ता न देने पर 6 साल की सजा
- महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
Nagpur News गुजरात के वडोदरा की एक फैमिली कोर्ट ने नागपुर जिले के व्यापारी जितेन मेश्कर को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं देने का दोषी ठहराते हुए 2200 दिन (लगभग 6 साल) की सजा सुनाई है।
18 लाख 60 हजार बकाया : मिली जानकारी के अनुसार, उमरेड निवासी जितेन और अक्षिता की शादी जून 2012 में हुई थी। उनकी एक बेटी भी है। लेकिन, शादी के दो साल बाद पारिवारिक विवाद के कारण दोनों अलग हो गए। तब से अक्षिता अपने मायके वडोदरा में रह रही है। गुजारा भत्ता की मांग करते हुए उसने स्थानीय फैमिली कोर्ट में मामला दर्ज कराया था।
30 दिसंबर 2017 के वडोदरा की पारिवारिक अदालत के आदेश के अनुसार, मेश्कर को मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अब तक उसने एक भी किस्त का भुगतान नहीं किया। उसके ऊपर पत्नी और बेटी के गुजारा भत्ता का 18 लाख 60 हजार बकाया हो चुका था। कई बार गिरफ्तारी वारंट के बाद बुधवार 3 अप्रैल को मेश्कर को वडोदरा की फैमिली कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे दोषी ठहराया गया। साथ ही 27 मार्च को, वडोदरा कोर्ट ने पाया कि नागपुर पुलिस बार-बार समन भेजने या वारंट निष्पादित करने में विफल रही है। इसके चलते 29 मार्च को कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
पिता को जानकारी नहीं : वहीं, जितेन मेश्कर के पिता रवीन्द्र मेश्कर ने दैनिक भास्कर को बताया कि बेटे के खिलाफ पत्नी ने वड़ोदरा की फैमिली कोर्ट में केस किया था। उसी मामले में वारंट के बाद जितेन यह कहकर घर से गया कि कोर्ट में पैसे जमा करने हैं। उसके बाद से उससे कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्हें जितेन के जेल जाने की खबर भी नहीं है।
Created On :   4 April 2025 11:31 AM IST