वर्कशाप: डिजिटल लेनदेन से राजस्व संग्रह के वैकल्पिक तरीकों पर विचार

अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली पर 3 दिवसीय एशिया-पैसिफिक क्षेत्रीय कार्यशाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जी-20 एशिया-पैसिफिक क्षेत्र पर क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 3 से 5 अक्टूबर तक राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) नागपुर में किया गया था। इस दौरान डिजिटल लेनदेन से राजस्व संग्रह के वैकल्पिक तरीकों आदि मुद्दों पर विचार किया गया। कार्यशाला का आयोजन भारत की जी-20 की अध्यक्षता में एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सितंबर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों द्वारा जी-20 घोषणापत्र जारी किया गया था। इसमें सभी नेताओं ने दो-स्तंभीय अंतरराष्ट्रीय कर पैकेज के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कर प्रशासन की क्षमता निर्माण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता का मुद्दा उठाया था। इसे प्राथमिकता देते हुए, अध्यक्ष के रूप में भारत ने एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक के सहयोग से एशिया-पैसिफिक कर केंद्र ढांचे के तहत एनएडीटी, नागपुर में 3 दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

पिछले दशक में, जी-20 सदस्य देशों के बीच चर्चा में अर्थव्यवस्था के डिजिटाइजेशन से उत्पन्न चुनौतियों से पार पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कर ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन पर लगातार जोर दिया गया है। चुनौतियों को दूर करने के लिए, आेईसीडी जी-20 एकीकृत ढांचे ने आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण के आधार पर दो-स्तंभीय अंतरराष्ट्रीय कर पैकेज विकसित किया है। अंतरराष्ट्रीय कर संरचना में इन परिवर्तनों को समझते हुए, इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कर प्रशासन के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता को पहचानते हुए अध्यक्ष के रूप में भारत ने सदस्य देशों को सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए इस संबंध में पहल की।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की सदस्य (कानूनी) प्रज्ञा सहाय सक्सेना ने 3 दिवसीय जी 20 एशिया-पैसिफिक कार्यशाला का उद्घाटन किया था। कार्यशाला में भारत के कर प्रशासकों सहित एशिया पैसिफिक क्षेत्र के 20 से अधिक विकासशील देशों के कर प्रशासकों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। वर्कशॉप के पहले स्तंभ के नवीनतम विकास और निर्माण खंडों के साथ-साथ वैश्विक न्यूनतम कर और दूसरे स्तंभ के विषय कर नियम (एसटीटीआर) पर चर्चा की गई। इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन से राजस्व संग्रह के वैकल्पिक तरीकों पर भी विचार किया गया। कार्यशाला में, एशिया पैसिफिक क्षेत्र के सरकारी अधिकारियों को उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विवरण के बारे में जानकारी दी गई। विभिन्न देशों द्वारा दी जाने वाली कर रियायतों के प्रभाव पर भी गहन चर्चा हुई। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

Created On :   6 Oct 2023 2:36 PM IST

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