Nagpur News: नया नागपुर, 1.57 करोड़/ एकड़ का भाव किसानों ने ठुकरा दिया

नया नागपुर, 1.57 करोड़/ एकड़ का भाव किसानों ने ठुकरा दिया
गुमगांव के किसान एक-एक भूखंड और ज्यादा मुआवजे पर अड़े

Nagpur News विस्तार के साथ अब नागपुर में नया नागपुर आकार लेने लगा है। हिंगना तहसील के लाड़गांव व गोधनी रिठी क्षेत्र में आकार ले रहे नये नागपुर को लेकर सभी उत्सुक हैं। इस क्षेत्र के बहुसंख्य किसान गुमगांव में निवासरत हैं। 1710 एकड़ वाले इस प्रकल्प में अकेले गुमगांव के किसानों की करीब 1400-1500 एकड़ जमीन है। गुमगांव के इन किसानों से मोल-भाव करने जिला नियोजन भवन में प्रदेश के राजस्व मंत्री व नागपुर के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बैठक की। पालकमंत्री बावनकुले ने सरकार की तरफ से किसानों को प्रति एकड़ 1.57 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया, लेकिन गुमगांव के किसानों ने इसे सिरे से ठुकरा दिया।

बढ़ी दर से कीमत चाहिए : गुमगांव के प्रभावित किसान किशोर आष्टनकर ने मजबूती से पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ने जो मूल्यांकन किया है, वह ठीक नहीं है। पिछले 10 साल से रेडीरेक्नर की दरें बढ़ी नहीं है। क्षेत्र में प्रति एकड़ की रजिस्ट्री 70 से 80 लाख रुपए की है। लेकिन सरकार 30 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दे रही है। इसका 5 गुणा करीब 1.50 करोड़ है। यह हमें मंजूर नहीं है। सरकार हमसे यह जमीनें लेकर कार्पोरेट कंपनियों को बेचने वाली है। यह करोड़ों और अरबों में जाएगी और हमें सिर्फ कुछ फीसदी चुकाकर औपचारिकता निभाई जा रही है। हमें बढ़ी हुई दर से कीमत चाहिए। इसके अलावा क्षेत्र में एक भूखंड भी। हमें भी विकास में शामिल होना है। सरकार को जमीन देने के बाद हमारे पास यहां कुछ नहीं बचेगा। हमें कई किलोमीटर दूर जाकर रहना पड़ेगा। सरकार हमें प्रकल्प में ही एक-एक भूखंड दे। कीमत को लेकर गुमगांव के प्रभावित किसान जल्द बैठक करेंगे और अपना प्रस्ताव देंगे। गुमगांव के देवतले ने भी यहीं मुद्दा सामने रखा।

बनेगी 5 सदस्यीय समिति : इस पर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि नया महानगर साकार करते हुए नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि जिन किसानों कि इस प्रकल्प में जमीन जाएगी, उन्हें कानून के दायरे में ज्यादा से ज्यादा मुआवजा देने की दृष्टि से प्रयास शुरू है। इस दृष्टि से जो संभव है, वह देने का प्रयास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में किया जाएगा। नए नागपुर के लिए जिन किसानों की ज़मीन ली जानी है, उनका प्रतिनिधित्व करने वाली पांच सदस्यीय समिति बनाई जानी चाहिए। यह समिति नागपुर विकास प्राधिकरण, नागपुर सुधार न्यास और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा करेगी। इस बैठक में कहा गया कि सरकार की भूमिका नियमों के प्रावधानों के अनुसार अधिकतम लाभ प्रदान करने की होगी।

बिना रजिस्ट्री के नहीं रहेगा कोई भी प्लॉट :नागपुर सुधार न्यास के अंतर्गत आने वाले कई इलाकों में लोग गुंठेवारी व्यवस्था के तहत मिली ज़मीन पर कई सालों से रह रहे हैं। गुंठेवारी के कुछ प्लॉट आरक्षण से प्रभावित हैं। सिटी सर्वेक्षण विभाग द्वारा गुंठेवारी में नाप-जोख के बाद, नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है। इस प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों और देरी को ध्यान में रखते हुए, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सरकार जल्द ही ज़मीन के नियमितीकरण के संबंध में एक नीति बना रही है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया तैयार की जा रही है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे गुंठेवारी में रहने वाले सभी लोगों को राहत मिलेगी। नागपुर महानगर को ध्यान में रखते हुए, गुंठेवारी की नाप-जोख का अधिकार नागपुर सुधार न्यास और नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण को देने का निर्णय लिया जाएगा। पालकमंत्री बावनकुले ने जमाबंदी आयुक्त को इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि नाप-जोख के लिए सेवानिवृत्त नाप-जोख अधिकारी और इस क्षेत्र के अनुभवी लोगों की आवश्यकता होगी और नियमानुसार इसमें तेजी लाने का निर्णय लिया जाएगा।

ये थे उपस्थित : बैठक में लाड़गांव, गोधनी रिठी के किसान, विधायक कृपाल तुमाने, एनएमआरडीए के आयुक्त संजय मीना, पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम, सहआयुक्त सचिन ढोले पाटील, अतिरिक्त जिलाधिकारी प्रवीण महिरे, सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधान परिषद सदस्य कृपाल तुमाने, विधायक डॉ. नितिन राऊत, विधायक कृष्णा खोपड़े, विधायक प्रवीण दटके और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Created On :   26 Sept 2025 11:19 AM IST

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