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रोहित पवार तंज: भाजपा ही नहीं अपने नेताओं के कारण टूटी राकांपा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राकांपा नेता शरद पवार के पोते व विधायक रोहित पवार ने राकांपा में विभाजन के लिए अजित पवार सहित अन्य नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है-शरद पवार के नेतृत्व में राकांपा कायम है। लेकिन जो विभाजन दिख रहा है उसके लिए भाजपा ही नहीं राकांपा के ही वे नेता जिम्मेदार हैं जो सत्ता के लिए पार्टी को छोड़ गए। रोहित ने कहा-शरद पवार के नेतृत्व पर विश्वास कम नहीं हुआ है। विपरित स्थिति में 2019 के विधानसभा चुनाव में राकांपा को सफलता मिली थी। अगले चुनाव में उससे भी अधिक सीटें राकांपा जीतेगी। जो नेता राकांपा को छोड़ गए हैं उन्हें शरद पवार ने सबक सिखाने का संकल्प लिया है। उस संकल्प को राज्य की जनता पूरा करेगी। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व की सरकार के विरोध में विपक्ष का गठबंधन मजबूत है। इस गठबंधन में सीट साझेदारी को लेकर सितंबर अंत तक निर्णय लिया जा सकता है।
पत्रकार वार्ता में सलिल देशमुख, दुनेश्वर पेठे, प्रकाश गजभिए, राजू तिमांडे, वेदप्रकाश आर्य, रविनीश पांडेय, संतोषसिंह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बुधवार को स्वागत लान सिविल लाइन में राकांपा की विदर्भ विभागीय बैठक के बाद रोहित पवार ने पत्रकार वार्ता में चर्चा की। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में राकांपा की विदर्भ विभागीय सभा नागपुर या बुलढाणा में हो सकती है। सभा में शरद पवार भी रहेंगे। सभा के नियोजन के संबंध में पदाधिकारियों से चर्चा की गई है। विदर्भ में संगठन को मजबूत करने की दिशा में सुझाव भी लिए गए हैं। 5 अक्टूबर के बाद सभी जिलों में संवाद साधा जाएगा। केंद्र व भाजपा सरकार के विरोध में देश में वातावरण बना हुआ है। संसद में विशेष अधिवेशन के लिए कोई एजेंडा घोषित नहीं किया गया है। भाजपा देश को भ्रमित कर रही है। इधर महाराष्ट्र में राकांपा छोड़ गए नेता भी भ्रम फैला रहे हैं। अमोल मिटकरी ने विचारधारा छोड़ दी है। वे जो आरोप लगा रहे हैं उनके सबूत हो तो खुलकर आमने सामने बात करना चाहिए। लोकसभा चुनाव के 6 माह बाद जिन राज्यों के चुनाव होने हैं उन्हें समय पूर्व अर्थात लोकसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है। नागपुर में औद्योगिक विकास के लिए नीति व रणनीति का अभाव दिख रहा है।
राज्य सरकार केंद्र से बोलेगी क्या
मराठा आरक्षण के विषय को लेकर राेहित पवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण कायम रखते हुए मराठा को राहत दी जा सकती है। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से चर्चा करना पड़ेगा। लेकिन सवाल यह है कि राज्य सरकार इस विषय पर केंद्र से ठोस तरीके से बोलेगी क्या। 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। ईडब्ल्यूएस के लिए संशोधन किया गया था उसी तरह मराठा के लिए भी संशोधन किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष पर भरोसा नहीं
शिवसेना विधायकों की याचिका पर सुनवाई के मामले पर रोहित पवार ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर उन्हें भरोसा नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष के पास यह मामला लंबित रह जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष वही करेंगे जो भाजपा कराएगी। चुनाव आयोग पर भी भरोसा नहीं रह गया है। न्यायालय में यह मामला जाने पर उद्धव ठाकरे के पक्ष में निर्णय आएगा।
Created On :   13 Sept 2023 8:50 PM IST