ओपन डायस का वार्षिकोत्सव : कला में होते हैं भारतीय संस्कृति के दर्शन - मिश्रा

ओपन डायस का वार्षिकोत्सव : कला में होते हैं भारतीय संस्कृति के दर्शन - मिश्रा
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डिजिटल डेस्क, नागपुर | नृत्य और अन्य कलाएं यह कला का माध्यम भले ही हो फिर भी वह एक संस्कार भी होता है और इस संस्कार में ही भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं। यह बात कराड स्थित कृष्णा अभिमत के कुलपति डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने स्वप्नपूर्ति कला केंद्र के तत्ववावधान में ओपन डायस की पहली वर्षगांठ पर ब्लाइंड रिलीफ सोसाइटी के सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि ओपन डाइस एक उल्लेखनीय मंच के रूप में उभरा है, जो सीमाओं से परे जाकर भारतीय शास्त्रीय प्रदर्शन कला की सभी शैलियों को बढ़ावा दे रहा है। उभरते और निपुण कलाकारों के लिए यह मंच दो पीढ़ियों के बीच एक पुल के रूप में काम कर रहा है। कार्यक्रम में गुरु कुन्दनलाल गंगानी की विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित कर शास्त्रीय कलाओं के संरक्षण की प्रतिबद्धता को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। नृत्य उत्सव की शुरुआत केंद्र के कलाकारों द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाली गणेश वंदना से हुई। दिल्ली से पधारी पंडित बिरजू महाराज की शिष्या संध्या भार्गव ने श्याम भजन पर एक शानदार नृत्य प्रस्तुत किया।

Created On :   31 Aug 2023 5:30 PM IST

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