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सफर में छात्रों को जोखिम - 700 में से 536 स्कूल बसों का नहीं हुआ फिटनेस टेस्ट
- सफर में छात्रों को जोखिम
- जांच के लिए विशेष इंतजाम
- अनफिट बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जुलाई-2023 के प्रथम सप्ताह में शहर के लगभग सभी स्कूल शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही स्कूल बसों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। कायदे से सड़कों पर दाैड़ाने से पहले स्कूल बसों का फिटनेस टेस्ट जरूरी है, लेकिन अभी तक 70 फीसदी स्कूल बसों का फिटनेस टेस्ट किया ही नहीं गया है। प्रादेशिक परिवहन विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तकरीबन 536 स्कूलों बसों का फिटनेस टेस्ट नहीं हो पाया है। संभावना यह भी है कि अनेक बस मालिक बगैर फिटनेस टेस्ट कराए ही अपनी बसों का इस्तेमाल विद्यार्थियों के परिवहन में करेंगे। ऐसे में अनफिट बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है।
700 से अधिक स्कूल बसें संचालित : बता दें कि शहर में 700 से अधिक स्कूल बसें संचालित होती हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल स्कूली बच्चों के परिवहन में होता है। स्कूल बसों का समय पर फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ तो इन बसों का इस्तेमाल विद्यार्थियों के परिवहन के लिए नहीं हो सकेगा।
आरटीओ में शनिवार-रविवार को भी होगा फिटनेस टेस्ट : अनफिट बसों को सड़क पर दौड़ाए जाने की आशंका के चलते प्रादेशिक परिवहन विभाग द्वारा अवकाश के दिन शनिवार, रविवार को प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में स्कूल बसों के फिटनेस टेस्ट के इंतजाम किए जा रहे हैं।
जांच के लिए विशेष इंतजाम
हर्षल डाके, सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी के मुताबिक सभी 536 स्कूल बसों के फिटनेस टेस्ट को पूरा करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। निर्धारित समय में सभी स्कूल बसों की फिटनेस टेस्ट पूर्ण होने की संभावना है।
Created On :   27 Jun 2023 6:03 PM IST