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Nagpur News: एसजीएलटी और जीएलपी उपचार से हृदय व गुर्दे की बीमारी में लाभ

- कार्डियो मेटाबोलिक रीनल (सीएमआर) डिजीज पर चिकित्सा सत्र
- हृदय व गुर्दे की बीमारी में लाभ
Nagpur News. कार्डियो मेटाबोलिक रीनल (सीएमआर) पर केंद्रित चिकित्सा रणनीति मरीजों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है। हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि एसजीएलटी-2 अवरोधक और जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट जैसे आधुनिक उपचार से लाभ होने लगा है। इन उपचारों से न केवल ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सहायक हैं, बल्कि हृदय व गुर्दे की बीमारियों के जोखिम को भी घटती हैं। यह विशेषकर टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित मरीजों को लाभदायी है। ऐसो डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक खोब्रागडे ने कहा। नागपुर में कार्डियो मेटाबोलिक रीनल (सीएमआर) डिजीज के प्रबंधन पर चिकित्सा सत्र आयोजित किया गया। इसमें डिजीज के एकीकृत प्रबंधन पर केंद्रित निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र का आयोजन किया गया। यह आयोजन विशेषज्ञों के लिए ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक साबित हुआ। कार्यक्रम डायबिटीजोलॉजिस्ट डॉ. संजय जैन उपस्थित थे।
एम्पाग्लिफ्लोज़िन से हृदय संबंधी जटिलताओं में कमी
कुछ दवाओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया। एम्पाग्लिफ्लोज़िन और लिनाग्लिप्टिन से संबंधित अनुसंधान निष्कर्षों पर जानकारी दी गई। बताया गया कि इन दवाओं का संयुक्त उपयोग एचबीए 1 सी स्तरों को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है और सीवी घटनाओं की दर को कम करता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित उच्च जोखिम वाले मरीजों में एम्पाग्लिफ्लोज़िन से मृत्यु और हृदय संबंधी जटिलताओं की दर में उल्लेखनीय कमी आई है। साथ ही लिनाग्लिप्टिन समूह में एल्बुमिनुरिया की प्रगति भी अपेक्षा से कम पाई गई। क्रोनिक किडनी डिजीज में यूरेमिक विषाक्त पदार्थों की अधिकता, पुरानी सूजन और हीमोडायनामिक असंतुलन से हृदय और गुर्दे की समस्याएं बढ़ती है।
कार्यक्रम में डॉ. शंकर खोबरागड़े, डॉ. रवि वाघमारे, डॉ. मुकेश मिश्रा, डॉ. नितिन वडास्कर, डॉ. मधुकर टिकास, डॉ. नितिन गुप्ता समेत बड़ी संख्या में डॉक्टरगण उपस्थित थे
Created On :   2 Jun 2025 6:32 PM IST