सिटी सर्वे में हड़कंप - सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की संपत्ति की जांच के दिए गए आदेश

सिटी सर्वे में हड़कंप - सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की संपत्ति की जांच के दिए गए आदेश
  • बेहिसाब संपत्ति के मालिक होने का संदेह
  • प्रकाशित खबरों पर संज्ञान
  • सिटी सर्वे में हड़कंप

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य शासन द्वारा सिटी सर्वे, नागपुर के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस आदेश के बाद शहर में संचालित सिटी सर्वे के सभी तीन कार्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है। भारी भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद नागपुर के भूमि अभिलेख उपसंचालक कार्यालय द्वारा जिला अधीक्षक, भूमि अभिलेख, नागपुर को प्रत्यक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं।

प्रकाशित खबरों पर संज्ञान

नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी के मानवाधिकार सेल के शहर उपाध्यक्ष सिद्धार्थ उके ने अखबार में छपी खबरों के हवाले से सिटी सर्वे में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर राज्य शासन का ध्यानाकर्षित करते हुए नगर भूमापन अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों, अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति की जांच की आवश्यकता जताई थी। इस मामले काे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं।

बेहिसाब संपत्ति के मालिक होने का संदेह

सिटी सर्वे के अधिकारियों, कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति की जांच के आदेश को लेकर शहर में तरह तरह की चर्चा व्याप्त है। इन अधिकारियों, कर्मचारियों के बेहिसाब संपत्ति के मालिक होने की बात कही जा रही है। जानकारों के मुताबिक इन अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा न सिर्फ रिश्वतखोरी को अंजाम दिया जाता है, बल्कि जमीन घोटाले के बड़े-बड़े मामलों में करोड़ों के वारे-न्यारे किए जाते हैं। यह भी विशेष कि सिटी सर्वे के सभी तीन कार्यालय सिविल लाइंस स्थित उसी परिसर में हैं, जहां भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग का कार्यालय है। अर्थात भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग की नाक के नीचे ही भ्रष्टाचार लंबे समय से फल-फूल रहा है।

सिटी सर्वे कार्यालय को लेकर सरकार के पास बड़े पैमाने पर शिकायत है। आम शिकायत है कि यहां लेन-देन के बिना कोई काम नहीं होता है। सभी वैध कागजात होने के बावजूद लोगों को अपने काम करवाने एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। नियमानुसार काम करवाने के चक्कर में सालों-साल लग जाते हैं। ऐसे में लोग झंझटों से बचने खुद ही शिकार बनने को तैयार हो जाते हैं। हालात यह है कि यहां किसी के शिकायत की सुनवाई तक नहीं होती है। हाई कोर्ट द्वारा रजिस्ट्री के बाद सीधे उसका आखिव पत्रिका पर नाम चढ़वाने के आदेश देने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ है। इसके लिए भी चक्कर काटने पड़ते हैं।

Created On :   27 Jun 2023 5:49 PM IST

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