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जल व ऊर्जा नीति बदलें, ढांचागत सुधार अपनाएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के विविध कार्यक्षेत्र में गिरावट आने का जिक्र करते हुए बीआरएस अध्यक्ष व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कहा है कि राष्ट्रीय जल व ऊर्जा नीति को तत्काल बदलना होगा। हर क्षेत्र में सुधारात्मक बदलाव की आवश्यकता है। देश को ढांचागत सुधार की नीति अपनाना होगा। विकास मामले में निजीकरण को अनुचित ठहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रम के कार्य भी अधिक उत्पादक हो सकते हैं। विदर्भ राज्य निर्माण की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा-छोटे राज्यों के निर्माण की मांग पर विचार किया जाना चाहिए।
सही नियोजन जरूरी : बीआरएस कार्यकर्ता सम्मेलन के सिलसिले में आए तेलंगाना के मुख्यमंत्री पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होेंने आंकड़ों के साथ दावा किया कि देश में आवश्यकता से अधिक पानी की उपलब्धता है। सही नियोजन होने पर प्रत्येक एकड़ खेती की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। प्रत्येक घर में पानी के नल लगाए जा सकते हैं। ऊर्जा के संबंध में भी ऐसी ही स्थिति है। कोयला की पर्याप्त उपलब्धता है। काेयला आयात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कृषि उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। तहसील स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाई जाए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की उपाय योजनाओं पर काम हो तो देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
राज्य निर्माण को लेकर अजीब स्थिति : मुख्यमंत्री राव ने कहा कि राज्य निर्माण का लेकर देश में अजीब स्थिति है। विदर्भ ही नहीं, अन्य छोटे राज्य निर्माण की मांग पर तत्काल विचार किया जाना चाहिए। अमेरिका की जनसंख्या 24 करोड़ है। वहां 50 देश हैं। प्रशासन का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। तेलंगाना राज्य बनने के बाद नए जिले बनाए गए हैं। इससे नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल रहा है। अंधाधुंध निजीकरण ठीक नहीं है। तेलंगाना में ऊर्जा का निजीकरण नहीं होने दिया गया है फिर भी वहां किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है। चुनाव प्रणाली में भी सुधार की आवश्यकता है। विकसित देशों ने ईवीएम प्रणाली को हटाकर बैलेट मतदान प्रणाली अपनाई है।
ब्लेमगेम चल रहा है : देश में ब्लेमगेम चल रहा है। पी.चिदंबरम ने जीएसटी की अवधारणा रखी तो नरेंद्र मोदी ने विरोध विलाप किया था। मोदी सरकार ने जीएसटी लागू की तो चिदंबरम विरोध करने लगे। केंद्रीय जांच एजेंसियों का सही इस्तेमाल होना चाहिए। राजनीतिक दल बचेंगे तो लोकतंत्र बचेगा। दूसरों को भी जीने देना चाहिए। छापामारी के नाम पर देश में जो कुछ हो रहा है, वह निंदनीय है।
लाभ-नुकसान से मतलब नहीं : तेलंगाना से बाहर बीआरएस के चुनाव लड़ने के राजनीतिक प्रभाव के सवाल पर केसीआर ने कहा-हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि किसे लाभ मिलेगा और किसको नुकसान होगा। बीआरएस एक मिशन को लेकर िवविध राज्यों में पहुंचेगी। महाराष्ट्र से आरंभ होकर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा व अन्य राज्यों में बीआरएस का विस्तार किया जाएगा। फिलहाल अकेले बल पर ही चुनाव की तैयारी की जा रही है। महाविकास आघाड़ी से गठबंधन का विचार नहीं है। बीआरएस के विचारों से सहमति रखने वाले दलों से गठबंधन का प्रयास किया जाएगा।
Created On :   16 Jun 2023 12:02 PM IST