चेतावनी: कोराडी प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण यूनिट नहीं , हाई कोर्ट ने महाजेनकों को लगाई फटकार

कोराडी प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण यूनिट नहीं , हाई कोर्ट ने महाजेनकों को लगाई फटकार
  • 4 जनवरी 2010 को पर्यावरण मंजूरी मिली, तब से यूनिट लगाई ही नहीं
  • अब जाकर 1345 करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी किया, 30 माह में पूरा होगा काम
  • एग्रीमेंट और वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर करने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोराडी ऊर्जा प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण फ्यूल गैस डी-सल्फराइजेशन (एफजीडी) यूनिट लगाने को लेकर गंभीर न होने की वजह से बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने महाजेनको को जमकर फटकार लगाई व प्रदूषण नियंत्रण कानून के तहत संबंधितों पर मामला दर्ज करने की चेतावनी भी दी। कोर्ट ने महाजेनको से एफजीडी यूनिट लगाने में हो रही देरी पर सवाल भी किया। साथ ही कोर्ट ने महाजेनको को यूनिट लगाने का एग्रीमेंट और अब तक का वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।

प्रदूषण का हवाला : हाल ही में कोराडी ऊर्जा प्रकल्प का विस्तार शुरू हुआ है, लेकिन ऊर्जा प्रकल्पों की वजह से विदर्भ में पहले ही काफी प्रदूषण बढ़ा हुआ है। विदर्भ कनेक्ट संस्थान ने इसे लेकर नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा है कि विदर्भ में बढ़ रहे प्रदूषण को ध्यान में रखते हए यहां एक भी ऊर्जा प्रकल्प लगाने की अनुमति न दी जाए। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि कोराडी ऊर्जा प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण एफजीडी यूनिट लगाने की शर्त पर ही 4 जनवरी 2010 को कोराडी प्रकल्प को पर्यावरण मंजूरी दी गई। लेकिन पिछले 13 वर्षों से प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण यूनिट ही नहीं लगाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने महाजेनको को प्रदूषण नियंत्रण यूनिट लगाने को लेकर अब तक क्या किया है, शपथ-पत्र दायर करने के आदेश दिए थे।

वर्क आर्डर जारी करने का दावा : बुधवार को मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में महाजेनको की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ विधिज्ञ सावंत ने कोर्ट को बताया कि कोराडी में यूनिट नंबर 8, 9 और 10 पर एफजीडी मशीन लगाने के लिए 1 हजार 345 करोड़ रुपए का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है और यह काम 26 से 30 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि महाजेनको पिछले कई सालों से सिर्फ यह कहकर धूल झोंक रहा है। कोर्ट ने महाजेनको द्वारा दी गई जानकारी पर असंतोष जताते हुए एक सप्ताह के भीतर यूनिट लगाने का एग्रीमेंट और वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।

कोराडी क्षेत्र की प्रदूषण स्थिति बताएं : काेर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कोराडी परियोजना क्षेत्र में प्रदूषण की मौजूदा स्थिति की जानकारी पेश करने के आदेश दिए। बोर्ड को यह जानकारी एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में दायर करनी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एड. एस. एस. सन्याल ने पैरवी की।

इसलिए हो रहा है विरोध : राज्य में 24 हजार मेगा वॉट बिजली की जरुरत है। सिर्फ अकेले विदर्भ में 17 हजार मेगा वॉट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसमें से केवल 1800 मेगा वॉट बिजली ही विदर्भ को चाहिए। इसलिए कोराडी प्रकल्प के विस्तार को याचिकाकर्ता ने विरोध किया है।

Created On :   25 Jan 2024 5:07 AM GMT

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