पदभर्ती: वन विभाग के लिए फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया, 277 पदों के लिए 60,000 उम्मीदवार

वन विभाग के लिए फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया, 277 पदों के लिए 60,000 उम्मीदवार
  • 3200 फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया थी
  • 2200 अभ्यर्थियों की ही दौड़ हो पाई
  • 33,000 जांच व फिजिकल में बाहर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर वन विभाग के लिए 277 फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया जारी है। 60 हजार में से कुल 27 हजार उम्मीदवार दौड़ के लिए चुने गए हैं, जिनकी दौड़ प्रक्रिया मिहान परिसर में रखी गई है, लेकिन पहले दिन से ही वन विभाग पर शून्य नियोजन के साथ भर्ती प्रक्रिया में घोटाले के आरोप उम्मीदवारों के अभिभावकों द्वारा लगाए जा रहे हैं।

यह काम हवाले : रोकेंगे तस्करी व वन्यजीव संघर्ष : नागपुर वन विभाग में विदर्भ के चार जिले आते हैं, जिसमें नागपुर, वर्धा, गोंदिया के साथ भंडारा शामिल हैं। इन जिलों में कई किमी आरक्षित जंगल हैं, जिसमें वन्यजीवों की मौजूदगी है। इन जंगलों से लगकर कई गांव बसे हैं। जहां मानव वन्यजीव संघर्ष देखा जाता है। ऐसे में यहां फॉरेस्ट गार्ड ( ‌वनसंरक्षक) को तैनात किया जाता है। इनका काम जंगल में मिले दायरे में भ्रमण कर वन्यजीवों पर नजर रखनी होती है। यही नहीं घने जंगलों में लकड़ी चोरी से लेकर अवैध शिकार के मामले भी होते रहते हैं। इन पर भी नजर रखना जरूरी होता है।

संख्या देख अधिकारी हैरान : फॉरेस्ट गार्ड की संख्या वर्तमान स्थिति में नागपुर विभाग में कम है, ऐसे में यहां नई भर्ती ली जा रही है। इस भर्ती प्रक्रिया के बाद नागपुर विभाग को 277 युवा फॉरेस्ट गार्ड मिलने वाले हैं। जंगल से लगाव कहें या बेरोजगारी, भर्ती प्रक्रिया में युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। कुल 60 हजार उम्मीदवार पहुंचे थे। यहां पर केवल 277 पद के लिए भर्ती ली जा रही है। युवाओं की भीड़ को देख खुद वन अधिकारी भी हैरान हैं।

शुरू से ही परेशानी :पहली प्रक्रिया में दस्तावेज जांच व फिजिकल में 33 हजार युवा बाहर हुए। अंतिम परीक्षा यानी दौड़ के लिए 27 हजार युवा अभी भी बचे हैं, जिनकी दौड़ प्रक्रिया मिहान में ली जा रही है। पहले दिन ही शून्य नियोजन का उदाहरण देखा गया। पहले दिन 3200 युवाओं को बुलाने के बाद सुबह 7 बजे से शुरू होनेवाली भर्ती प्रक्रिया को 11 बजे शुरू किया गया।

अभिभावकों के कई आरोप : यहां बुनियादी सुविधाओं का नामोनिशान नहीं है, जिससे भूख प्यास से उम्मीदवार परेशान रहे। देरी से भर्ती शुरू होने से 3200 की जगह 2200 की ही भर्ती प्रक्रिया की गई। दूसरे दिन यानी गुरुवार को भी हालात ठीक नहीं रहे। उम्मीदवारों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि दौड़ के मार्क्स उन्हें बताये नहीं जा रहे हैं, कोरे कागज पर साइन ली जा रही है। ऐसे में भर्ती में घोटाले की बू आ रही है, जबकी अधिकारी भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होने की बात कह रहे हैं।

कोई घोटाला नहीं, वीडियो क्लिप हमारे पास : भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हो रहा है। मशीनों आदि के माध्यम से उम्मीदवारों की दौड़ के मार्क्स काउंट किए जा रहे हैं। पूरी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी है। सभी उम्मीदवारों के वीडियो क्लिप हमारे पास है, संदेह होने पर हमारी ओर से दिखाए जा सकते हैं। -डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक, वन विभाग नागपुर ( प्रादेशिक)

Created On :   23 Feb 2024 9:33 AM GMT

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