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एमबीए सीईटी के नतीजों में गजब का कारनामा, मेरिट लिस्ट में फर्जीवाड़ा
- एमबीए सीईटी के नतीजों में बड़ी गड़बड़ी
- एप्लिकेशन' को 91.86, "पूमा' को 65.45 और "कस्टमर' को 35.03 परसेंटाइल अंक मिले
सौरभ खेकडे , नागपुर। राज्य सीईटी सेल ने एमबीए सीईटी के नतीजों में गजब का कारनामा कर दिया है। सीईटी द्वारा जारी राज्य मेरिट लिस्ट में "लवली', "पूमा', "कस्टमर', "एप्लिकेशन' नामक फर्जी विद्यार्थियों का समावेश किया गया है। आश्चर्य है कि "एप्लिकेशन' नामक छात्र को पूरे 91.86 परसेंटाइल, "पूमा' को 65.45 परसेंटाइल और "कस्टमर' को 35.03 परसेंटाइल अंक मिले हैं। अनेक काबिल विद्यार्थी इनसे पिछड़ कर अच्छे कॉलेज में प्रवेश से वंचित रह गए हैं। विद्यार्थी इस एमबीए सीईटी परीक्षा और उसके नतीजों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। नकल, गलत मूल्यांकन और अंक सूची के कारण सैकड़ों विद्यार्थियों को अच्छे कॉलेज में प्रवेश का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है। आरोप है कि उक्त कारणों से सीईटी की मेरिट लिस्ट में टॉप-500 में अनेक अपात्र विद्यार्थी आ गए हैं, जो कि अच्छे कॉलेजों में सीट पा लेंगे। जबकि साल भर मेहनत करने वाले विद्यार्थी, जो टॉप-500 में होने चाहिए थे, वो इससे बाहर हो गए हैं। 19 मई को भास्कर ने परीक्षा परिणाम के कारण विद्यार्थियों में तनाव की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद परीक्षार्थियों ने कई ऐसी जानकारियां साझा की जो काफी चौंकाने वाली हैं।
श्रेणी सुधरने की जगह अंक घट गए : इस वर्ष अनेक ऐसे परीक्षार्थी भी थे, जिन्होंने श्रेणी सुधार के उद्देश्य से दोबारा सीईटी दी थी। पिछले वर्ष इन विद्यार्थियों को 96 से 97 परसेंटाइल अंक मिले थे। इच्छानुरूप कॉलेज नहीं मिलने के कारण श्रेणी सुधार के उद्देश्य से उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का फैसला लिया। इसके लिए साल भर खूब मेहनत भी की, लेकिन जब नतीजे आए तो आश्चर्यजनक रूप से इन विद्यार्थियों को 60 से 65 परसेंटाइल अंक मिले। विद्यार्थियों का दावा है कि उनका पेपर बहुत अच्छा गया था, जबकि उनके कई सहपाठी जो पढ़ाई में कमजोर थे और पेपर बिगड़ने की शिकायत कर रहे थे, उन्होंने आश्चर्यजनक तरीके से बेहतर प्रदर्शन किया है। किसी-किसी ने तो 90 परसेंटाइल से अधिक अंक पा लिए हैं। एक केस तो ऐसा भी है कि छात्र को पिछले साल 99.56 परसेंटाइल प्राप्त हुआ था, इस वर्ष की परीक्षा में उसे मात्र 0.01 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है।
यह कैसी अंकसूची : इस वर्ष जारी परिणाम में विद्यार्थियों की अंक सूची में केवल उनका परसेंटाइल लिखा है। यह नहीं लिखा गया है कि उन्हेंने कौन-से स्लॉट में परीक्षा दी थी। उसमें कितने अंक मिले हैं। सीईटी सेल अगर विस्तृत अंकसूची जारी करता, तो नतीजों की प्रामाणिकता भी पता चलती। विद्यार्थियों ने सीईटी सेल से विस्तृत नतीजे जारी करने की मांग की है। वहीं सीईटी सेल से संपर्क करने पर उनकी ओर से इस मामले में अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
कई व्यवधान आए : गौरतलब है कि यह परीक्षा 25 और 26 मार्च काे आयोजित की गई थी। परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी के चलते कई व्यवधान आए। परीक्षार्थी इससे पहले ही बहुत नाराज थे। सीईटी सेल ने 6 मई को दोबारा परीक्षा ली, जिसका परिणाम 3 जून को जारी किया, लेकिन गलतियां यहां भी थमीं नहीं। विद्यार्थियों के अनुसार परीक्षा केंद्र में अनेक फर्जी विद्यार्थी पहुंचे थे, किसी ने मोबाइल फोन के सहारे खूब नकल की, तो कुछ विद्यार्थियों को जरूरत से ज्यादा ही समय दे दिया गया। मामले की शिकायत शहर के एमआईडीसी पुलिस थाने में भी की गई है।
Created On :   21 Jun 2023 10:50 AM IST