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नाग नदी पर मोक्षधाम से केडीके कॉलेज तक कर सकेंगे बोटिंग
- कायाकल्प करने की तैयारी
- साल 2024 तक प्रकल्प का शुरू होगा कार्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग नदी में बाेटिंग व सौंदर्यीकरण का सपना 16 वर्ष पूर्व 2007 में देखा गया था, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है, लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए नाग नदी प्रकल्प पर 2024 से काम शुरू होने की संभावना है। मनपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जापान व फ्रांस की मदद से दो चरणों में इस प्रकल्प को पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में नाग नदी प्रदूषण संवर्धन प्रकल्प के तहत नाग नदी को प्रदूषण मुक्त कर 102 एमएलडी पानी को नहाने योग्य बनाने की योजना है। 1927 करोड़ के इस प्रकल्प को पूरा करने के लिए जापान से 1860 करोड़ रुपए का कर्ज प्राप्त हुआ है। इस प्रकल्प को पूरा करने के लिए 60 फीसदी खर्च का भार केंद्र सरकार द्वारा 25 फीसदी राज्य सरकार द्वारा तथा 15 फीसदी मनपा द्वारा उठाया जाएगा।
अतिक्रमणकारियों को विस्थापित करना होगा
नाग नदी प्रदूषण संवर्धन प्रकल्प को पूरा करने के लिए नाग नदी के किनारे से अतिक्रमणकारियों को हटाने की आवश्यकता नहीं है। नाग नदी को प्रदूषण मुक्त करने के बाद नाग नदी पुनर्जीवन प्रकल्प के तहत काम शुरू किया जा सकता है। इस प्रकल्प के तहत नाग नदी के किनारे से अतिक्रमणकारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना में विस्थापित करने की योजना है।
3 नए एसटीपी तैयार करेंगे
प्रथम चरण में नाग नदी प्रदूषण संवर्धन प्रकल्प के तहत नाग नदी, पीली नदी व बोर नाला में करीब 42 किमी क्षेत्र में 92 एमएलडी पानी शुद्ध करने के लिए 3 एसटीपी (स्मॉल ट्रीटमेंट प्लांट) तैयार किए जाएंगे। इनमें से 45 एमएलडी क्षमता का प्लांट नारा घाट के पास, 12 एमएलडी क्षमता का प्लांट वीएनआयटी परिसर में व 35 एमएलडी क्षमता का प्लांट मोरभवन बस स्टैंड के पीछे बनाया जाएगा। इसके अलावा पहले से मानकापुर घाट पर मौजूद 5 एमएलडी क्षमता के प्लांट व मोक्षधाम घाट पर बने 5 एमएलडी क्षमता के प्लांट को अपग्रेड करने की योजना है। इस तरह नाग नदी के 102 एमएलडी पानी का शुद्धिकरण कर उसे नहाने योग्य बनाया जाएगा। इस प्रकल्प को पूरा करने के लिए 8 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि 5 वर्ष में शुद्धिकरण प्रकल्प को पूर्ण करने की योजना है। इन प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए पुरानी सीवरेज लाइन को 525 किलोमीटर की नई सीवर लाइन में बदलने की योजना है। शहर के उत्तर व मध्य भाग में क्षतिग्रस्त सीवर लाइन बदली जाएगी, जबकि अच्छी हालत में मौजूद सीवर लाइन को यथावत रखा जाएगा।
नाग नदी को प्रदूषण मुक्त करने की है योजना
नाग नदी काे प्रदूषण मुक्त करने के लिए योजना तैयार की गई है। इस योजना को पूरा करने के लिए 8 वर्ष का समय निर्धारित है। प्रदूषण मुक्त होने के बाद नाग नदी में बोटिंग की जा सकती है। इसे पूरा करने के लिए प्रयास शुरू है। - श्वेता बैनर्जी, कार्यकारी अभियंता,पर्यावरण विभाग
Created On :   20 Jun 2023 1:15 PM IST