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राजनीतिक अस्पृश्यता: एकजुटता ही पर्याय - प्रकाश आंबेडकर के वक्तव्य को राजनीतिक ठहराया जा रहा है
- निराशा की स्थिति नहीं-जयकर
- नेतृत्व संभालें-सुलेखा
- ग्राउंड के सौंदर्यीकरण की मांग
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कांग्रेस व राकांपा को लेकर वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर के वक्तव्य को राजनीतिक ठहराया जा रहा है। प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि कांग्रेस व राकांपा उनके साथ राजनीतिक अस्पृश्यता का व्यवहार कर रही है। भाजपा के विरोध में विपक्ष की बैठक में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। गठबंधन के विषय पर चर्चा तक नहीं की जा रही है। इस विषय पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले जनप्रतिनिधियों का कहना है कि एकजुटता की पर्याय है। प्रकाश आंबेडकर केवल अपने राजनीतिक समायोजन के लिए परेशान हैं।
निजी अनुभव-कवाडे
पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख प्रा.जोगेंद्र कवाडे ने कहा है कि राजनीतिक अस्पृश्यता संबंधी प्रकाश आंबेडकर ने िनजी अनुभव साझा किए है। सभी जानते हैं कि राजनीतिक दल अवसरवादी होते हैं। लाभ देखकर हाथ मिलाया जाता है। प्रा.कवाडे ने कहा-अभी मैं कांग्रेस व राकांपा के साथ नहीं हूं। लेकिन यह अवश्य कहूंगा कि इन दलों का सहयोग हमें मिलता रहा है। 1998 में राज्य में आरपीआई ने कांग्रेस गठबंधन के अंतर्गत लोकसभा की 4 सीट जीती थी। वे सीटें आरक्षित नहीं थी। लाभ को देखते हुए गठबंधन मामले में राजनीतिक दलों की प्राथमिकताएं बदलती रहती है। नागपुर मनपा में रिपब्लिकन गुटों को सत्ता का नेतृत्व करने का अवसर मिला। दो दशक पहले यहां संयुक्त रिपब्लिकन आघाडी ने 17 सीटें जीती थीं। उसी तरह की स्थिति फिर से तैयार करने का प्रयास चल रहा है। मेरा निजी अनुभव है कि राजनीति में अस्पृश्यता नहीं होती है। जनाधार ही सब कुछ तय करता है।
निराशा की स्थिति नहीं-जयकर
राज्य में आंबेडकरवादियों के लिए निराशा की स्थिति नहीं है। बहुजन समाज की एकजुटता विविध चुनाव में चौंकानेवाले परिणाम देगी। कांग्रेस के बारे में बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था कि वह जलता हुआ घर है। प्रकाश आंबेडकर सहित अन्य नेताओं को कांग्रेस-राकांपा समान दलों की नियत व वास्तविकता पहले से ही ज्ञात है। ऐसे में अचानक राजनीतिक अस्पर्शता की बात करना निराशा व्यक्त करना ही है। बसपा पहले से ही अपने विचार व रणनीति पर कायम है। अकेले बल पर चुनाव लड़ने को तैयार है। भावुकता की राजनीति का स्थान नहीं रहा।
नेतृत्व संभालें-सुलेखा
बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच की संयोजक सुलेखा कुंभारे ने कहा है कि प्रकाश आंबेडकर के साथ आंबेडकर नाम जुड़ा है। समाज का निश्चित ही उनसे काफी उम्मीदें हैं। कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना उद्धव ठाकरे समान दलों से बाबर बार अपमानित होने के बजाय आंबेडकर ने रिपब्लिकन दलों को एकत्र कर नेतृत्व संभालना चाहिए। रामदास आठवले व प्रा.जोगेंद्र कवाड़े जेसे नेता आंबेडकरवादी जनांदाेलन का नेतृत्व कर चुके हैं। इन नेताओं के साथ मिलकर एकजुटता िदखाएं तो राजनीतिक अस्पृश्यता जैसी स्थित महसूस भी नहीं होगी। सुलेखा ने कहा है कि वे प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में रिपब्लिकन गठबंधन में काम करने को तैयार है।
ग्राउंड के सौंदर्यीकरण की मांग
उधर एमआईएम उत्तर नागपुर टीम ने लोकसंवाद यात्रा के दौरान विधायक नितिन राऊत को एकता फुटबॉल ग्राउंड की सौंदर्यीकरण के लिए एक निवेदन सौंपा। ग्राउंड में वाकिंग ट्रेक, चेंजिंग रूम, स्टेडियम, ग्राउंड लेवलिंग जैसी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया। प्रभा ग 3 एकता फुटबॉल ग्राउंड के अंदर लोगों को मॉर्निंग वॉक करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चों को फुटबॉल खेलने में अनेक परेशानी आती हैं। इस समस्या का जल्द से जल्द निवारण करने की मांग एमआईएण के पूर्व यूथ उपाध्यक्ष कलीम अंसारी, नौशाद अंसारी, वसीम पटेल, इम्तियाज अहमद, रियाज अहमद, मोहम्मद शफीक, आरिफ कक्कर, मोइन अंसारी, अब्दुल कबीर, गजानन सहारे, राजेश राणा ,अहमीर अहमद, रोहित आदि ने की।
Created On :   11 Sept 2023 7:05 PM IST