बच्चों में बढ़ रहा वायरल इन्फेक्शन

बच्चों में बढ़ रहा वायरल इन्फेक्शन
  • ओपीडी में आ रहे हर रोज 125 बच्चे, सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि के लक्षण दिखायी दे रहे
  • 12 साल के आयु वर्ग का समावेश
  • हर दिन मेयो में 50 और मेडिकल में 75 बच्चे आ रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में डेंगू के साथ वायरल इंफेक्शन, टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए अस्पतालों में आने वालें मरीजों में छोटे बच्चों की संख्या बढ़ गई है। मेयो, मेडिकल की ओपीडी में हर रोज 125 से अधिक बच्चे वायरल से प्रभावित आ रहे हैं। उनमें सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि के लक्षण दिखायी दे रहे हैं।

रक्त की जांच करवाना जरूरी : बताया गया कि, इन दिनों मौसम में बार-बार बदलाव हो रहा है। इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। इसके अलावा मच्छरों के प्रकाेप, अस्वच्छता, बाहर का खानपान आदि से भी बीमारियां होती हैं। इसके अलावा दूषित पानी से भी बीमारियां हो रही हैं। वायरल होने पर तुरंत डॉक्टरों के पास जांच करवाकर उनकी सलाहनुसार उपचार करना जरूरी है। सूत्रों ने बताया कि, वायरल लंबे समय से चल रहा हो, तो रक्त की जांच करवाना जरूरी बताया गया है।

हर दिन मेयो में 50 और मेडिकल में 75 बच्चे आ रहे

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेयो व मेडिकल की ओपीडी में हर रोज 2200 और 1400 मरीज जांच व उपचार के लिए आते हैं। इनमें अधिकतर मरीज वयस्क या उम्रदराज होते हैं, लेकिन मौसम में बदलाव और मच्छरों के प्रकोप के चलते अब 12 साल तक आयु वर्ग के बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। मेयो में हर रोज 50 और मेडिकल में हर दिन 75 बच्चे अपने पालकों के साथ जांच व उपचार के लिए आने लगे हैं। इनमें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम आदि बीमारियां सामान्य पायी जा रही है। यह वायरल होने से कम से कम 3 दिन व अधिकतम 7 दिन तक रहता है। नियमित उपचार करने से यह बीमारियां आसानी से सुधर जाती हैं, जबकि इसमें लंबा समय बीतने पर भर्ती किया जाता है।

डॉक्टर, प्राध्यापक प्रभावित : वायरल से बच्चों समेत सभी आयुवर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं। मेडिकल व मेयो के डॉक्टर भी वायरल से परेशान हैं। वहीं डेंगू का भी असर दिखायी दे रहा है। निवासी डॉक्टरों के साथ ही अलग-अलग विभागों के प्राध्यापक भी डेंगू पीड़ित होने से छुट्टी पर गए हैं। मेडिकल में 15 से अधिक निवासी डॉक्टर डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। वहीं 10 से अधिक प्राध्यापक भी बीमार हैं।

Created On :   8 Sept 2023 7:04 PM IST

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