फेरीवाला योजना प्रस्ताव का क्या हुआ - हाई कोर्ट

फेरीवाला योजना प्रस्ताव का क्या हुआ - हाई कोर्ट
  • राज्य सरकार से 7 जुलाई तक मांगा जवाब
  • 35 वर्ष से कर रहे व्यवसाय
  • प्रस्ताव तैयार किया गया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर फेरीवाला योजना प्रस्ताव की मंजूरी का क्या हुआ है, यह सवाल करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को 7 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। कल्याणेश्वर मंदिर रोड, महल स्थित लाइसेंस धारक फेरीवाले और दुकानदारों पर महानगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर जारी अत्याचार रोका जाए, इस मांग के लिए महल सुतिकागृह चौक दुकानदार संघ ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है।

35 वर्ष से कर रहे व्यवसाय

याचिका के अनुसार गांधीबाग जोन महल स्थित कल्याणेश्वर मंदिर रोड में मनपा की सुरक्षा दीवार से लगकर दुकानदार पिछले 35 वर्षों से व्यवसाय कर रहे हैं। स्ट्रीट वेंडर कानून अंतर्गत 2015-16 में स्थानीय फेरीवालों का सर्वेक्षण किया गया। इस अनुसार टाउन वेंडिंग कमेटी गठित करने के लिए मतदाता सूची तैयार की गई। मनपा ने इस दुकानदारों से शुल्क स्वीकार कर उन्हें बड़े पैमाने पर लाइसेंस भी वितरित किए, लेकिन अब मनपा द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर इन लाइसेंस धारक दुकानदारों पर अत्याचार किया जा रहा है। यह अत्याचार रोका जाए, स्ट्रीट वेंडर कानून के नियमानुसार टाउन वेंडिंग कमेटी सर्वेक्षण करे और सर्वेक्षण पूरा हुए कल्याणेश्वर मंदिर रोड स्थित दुकानदारों पर किसी प्रकार की कार्रवाई न की जाए, यह मांग याचिका में की गई है।

प्रस्ताव तैयार किया गया

शहर के हॉकर्स जोन तय करना, उसके लिए सर्वेक्षण करना, पंजीकृत दुकानदारों को लाइसेंस वितरित करना और पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण करना आदि काम नगापुर शहर फेरीवाला योजना अंतर्गत किए जाएंगे। इस बाबत मनपा ने 18 अप्रैल 2023 को बैठक में इस योजना का प्रस्ताव तैयार किया और यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजे जाने की जानकारी मनपा ने न्यायालय को दी। इस पर न्यायालय ने फेरीवाला योजना के प्रस्ताव की मंजूरी का क्या हुआ, यह सवाल कर सरकार से शपथपत्र दाखिल करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. मो. आतिक और मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट ने कामकाज देखा।


Created On :   27 Jun 2023 7:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story