Nashik News: कुत्तों की तरह तेंदुओं की नसबंदी करने पर विचार कर रही है राज्य सरकार, बढ़ते हमलों से चिंता

कुत्तों की तरह तेंदुओं की नसबंदी करने पर विचार कर रही है राज्य सरकार, बढ़ते हमलों से चिंता
  • मंत्री गणेश नाईक ने कहा- मानवों पर बढ़ते हमले चिंता का विषय
  • तेंदुओं की नसबंदी करने पर राज्य सरकार कर रही विचार
  • सेटेलाइट से तेंदुओं की गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर

Nashik News. राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने कहा कि राज्य में तेंदुओं की तेजी से बढ़ती संख्या और मानवों पर बढ़ते हमले गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए कुत्तों की तरह ही तेंदुओं की भी नसबंदी करने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। हालांकि इसे तेंदुओं की संख्या को नियंत्रित करने के अंतिम उपाय के रूप में अपनाया जाएगा।

नाईक ने रविवार को यह बात पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। वे नाशिक के रामशेज किला परिसर में रामानंदाचार्य स्वामी नरेंद्राचार्य के संकल्प पूर्ति कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में नाशिक जिले में तेंदुओ की संख्या करीब 100 थी। वर्तमान में यह संख्या 500 से अधिक हो गई है। अकेले जुन्नर तहसील में 750 तेंदुए हैं।

अफ्रीका और वनतारा भेजने की जरूरत

मंत्री नाईक ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर अहिल्यानगर, नाशिक और आस-पास के इलाकों में पाए जाने वाले तेंदुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके तहत राज्य के तेंदुओं को अफ्रीका और ‘वनतारा अभयारण्य’ में भेजने की आवश्यकता है। परंतु इस बारे में केंद्र सरकार निर्णय करेगी। उन्होंने कहा कि अहिल्यानगर और नाशिक जिले में मक्के और गन्ने की खेती ज्यादा होती है, इसलिए इनमें तेंदुओं को छुपने और अपना अधिवास बनाने का बेहतर स्थान मिल जाता है।

पुणे में होगी बैठक

नाईक ने कहा कि मानवी बस्तियों में तेंदुओं की लगातार बढ़ती घुसपैठ उनके प्राकृतिक अधिवास के घटने का परिणाम है। सरकार इस संकट का समग्र समाधान खोजने के लिए गंभीरतापूर्वक काम कर रही है। इसी संदर्भ में सोमवार को पुणे में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की जाएगी।

सेटेलाइट से तेंदुओं की गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर

जनसुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वन मंत्री नाईक ने कहा कि जिस प्रकार चंद्रपुर जिले में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित अलर्ट सिस्टम के माध्यम से बाघों की मौजूदगी की जानकारी नागरिकों को दी जाती है, उसी तरह का चेतावनी तंत्र नाशिक में तेंदुओं के लिए भी लागू किया जा सकता है। इसके अलावा तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिये सेटेलाइट की मदद लेने पर भी सरकार विचार कर रही है। इससे मानव–वन्यजीव संघर्ष में कमी लाने में बड़ी मदद मिलेगी। सरकार के इन प्रयासों से तेंदुओं के संरक्षण के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वन मंत्री गणेश नाईक ने अस्पताल में पहुंचकर जख्मी वनकर्मियों प्रवीण गोलाईत और संतोष बोडके से मिलकर उनका हालचाल पूछा।

Created On :   16 Nov 2025 9:22 PM IST

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