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Yeola News: सन्न कर देगा पबजी गेम हारने वाले युवक का सुसाइड नोट - मैं पांच साल पहले मर चुका था, बस शरीर जिंदा था और दिमाग धोखे के खेल दिखाता रहा

- पबजी गेम हारने के बाद युवक ने कुएं में कूदकर दी जान
- खेल की लत ने छीना मानसिक संतुलन
- सुसाइड नोट में लिखा, मैं तो पांच साल पहले ही मर चुका था
Yeola News. ऑनलाइन गेम्स की लत एक और युवक को मौत की नींद सुला दिया। ताजा मामला देवलाणे इलाके के निवासी 18 वर्षीय यशराज बोर्डे का है, जिसने पबजी का आखिरी गेम हारने के बाद आत्महत्या कर ली। गुरुवार दोपहर उसका शव गांव के कुएं से बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार, यशराज पबजी खेलने का आदी था और घंटों तक उसी में खोया रहता था। हार और जीत को लेकर वह भावनात्मक रूप से बेहद प्रभावित हो चुका था। अंतिम फेरी हारने के बाद उसने कुएं में कूदकर जिंदगी खत्म कर ली।
“मैं पांच साल पहले ही मर चुका था…”
आत्महत्या से पहले यशराज ने एक पत्र छोड़ा। उसमें लिखा था, “मैंने कई बार यह करने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफल रहा। आज लगता है, मैं सफल हो जाऊंगा। मैं तो पांच साल पहले ही मर चुका हूं, बस मेरा शरीर जिंदा था। मेरा दिमाग केवल धोखे के खेल दिखाता रहा। असल जिंदगी में कभी वैसा नहीं हुआ, जैसा मैंने सोचा था।”
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पत्र में उसने “पुनर्जन्म कैसे मिलेगा?” जैसे वाक्य भी लिखे, जिससे साफ होता है कि वह खेल के असर में मानसिक रूप से अस्थिर हो चुका था।
खेल का नशा बना मौत का कारण
मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह दीमक धीरे-धीरे लकड़ी को खोखला कर देती है, उसी तरह यह खेल युवाओं के दिमाग और जीवन को अंदर से खत्म कर रहे हैं। समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह आदत पूरी जिंदगी बर्बाद कर देती है।
मनोरोग विशेषज्ञ फैसल खिलजी ने कहा ऑनलाइन खेल युवाओं को वास्तविक जीवन से दूर कर रहे हैं। वे परिवार और समाज से कटकर देर रात तक खेलों में व्यस्त रहते हैं। धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य कमजोर होता जाता है और वे अवसाद में चले जाते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह – कैसे बचाएं बच्चों को गेम की लत से
बच्चों और युवाओं का स्क्रीन टाइम नियंत्रित करें
खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा दें
परिवार के साथ बातचीत और समय बिताना जरूरी
तनाव या अवसाद के लक्षण दिखें तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें
इंटरनेट का उपयोग पढ़ाई और सकारात्मक कार्यों के लिए करें, न कि केवल खेलों के लिए
Created On :   21 Aug 2025 10:21 PM IST