महीने में 20 फीसदी राशन दुकानों की भी जाँच नहीं कर पा रहे 10 जेएसओ

हर काम में बरती जा रही लापरवाही, लोगों ने कहा- दफ्तर से निकलते ही नहीं खाद्य शाखा के अधिकारी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । गरीबों को हर माह समय पर राशन मिल जाये और दुकानें समय पर खुलें यह जिम्मेदारी खाद्य शाखा में पदस्थ कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को सौंपी गई है। जिले में 10 जेएसओ पदस्थ हैं जिन्हें हर महीने 20 फीसदी राशन दुकानों की जाँच करना है, लेकिन यह भी इनके लिये मुश्किल भरा काम होता है। लोगों का कहना है कि ये दफ्तर में बैठकर समय काटते हैं या फिर फील्ड के नाम पर ऑफिस से गायब हो जाते हैं। पात्रता पर्ची सहित खाद्य शाखा में राशन से जुड़ीं शिकायतें लेकर पहुँचने वाले भटकते रहते हैं कोई उनकी सुनने वाला नहीं होता है। इसी के साथ ही इन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों (जेएसओ) के पास उपार्जन से जुड़ी व्यवस्था देखना, केन्द्रों की मैपिंग व अन्य काम भी हैं, लेकिन इन कार्यों में भी लापरवाही बरती जाती है।
ऑफिस में बैठकर बन जाती है रिपोर्ट
जेएसओ को राशन दुकानों में कितना स्टॉक है, दुकानदार गड़बड़ी तो नहीं कर रहा है इसके अलावा जिस क्षेत्र के अधिकारी हैं उस क्षेत्र की लगभग 20 दुकानों की तो जाँच करनी है। इसके साथ ही 10 फीसदी गैस एजेंसी की भी जाँच की जवाबदारी है, लेकिन ये अधिकारी जाँच रिपोर्ट ऑफिस में बैठकर ही तैयार कर देते हैं।
जिले की 995 दुकानों की जवाबदारी
कलेक्ट्रेट स्थित खाद्य शाखा में जेएसओ के रूप में संजीव अग्रवाल, नीलम उपाध्याय, मीनाक्षी दुबे, वसुंधरा पेंड्रो, मिताली मेहरा, सिद्धार्थ राय, रोशनी पांडे, सुचिता दुबे, पल्लवी जैन व भावना तिवारी पदस्थ हैं। इनके पास जिले की 995 दुकानों की जिम्मेदारी है जिसमें से हर महीने एक जेएसओ को िसर्फ 20 दुकानों की जाँच करनी होती है।
एसडीएम भी नहीं देखते
खाद्य शाखा के साथ ही क्षेत्र के एसडीएम और तहसीलदार भी राशन दुकानों की जाँच कर सकते हैं, लेकिन ये भी जाँच करने नहीं निकलते।
इनका कहना है
राशन दुकानों की जाँच के साथ ही कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक के पास और भी काम हैं, लेकिन कई कार्यों में इनके द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों की बात भी नहीं सुनते। अब काम न करने वालों को नोटिस दिया जायेगा और कार्रवाई की जायेगी।
-सुधीर दुबे, प्रभारी आपूर्ति नियंत्रक
Created On :   13 March 2021 3:25 PM IST