खराब लैपटॉप के लिए 10 साल चला मुकदमा

10 years trial for bad laptop
खराब लैपटॉप के लिए 10 साल चला मुकदमा
नागपुर खराब लैपटॉप के लिए 10 साल चला मुकदमा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोचिए कैसा हो कि आप 37,820 रुपए का एक महंगा ब्रैंडेड लैपटॉप खरीदें और वह एक माह के भीतर खराब हो जाए और इसे ठीक करवाने के लिए आपको महीनों तक सर्विस सेंटर के चक्कर काटने पड़े। ऐसे ही एक प्रकरण में सोनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सेवा में त्रुटि का दोषी मानते हुए राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग की नागपुर खंडपीठ ने कंपनी की अपील खारिज की है। राज्य आयोग ने जिला आयोग के अादेशानुसार कंपनी को कहा है कि वो या तो छात्रा को उतनी ही कीमत का नया लैपटॉप दे या फिर 37,820 रुपए सितंबर 2013 से 6 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाए। इस पूरे मामले में कंपनी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस प्रकरण की खास बात यह है कि इस खराब लैपटॉप का मसला वर्ष 2013 से चला आ रहा था, जिस पर अंतत: राज्य आयोग का फैसला आया है।

बेटी को पढ़ाई के लिए दिया था

दरअसल वर्धा के देवली गांव के निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए उसे सोनी कंपनी का 37,820 रुपए मूल्य का लैपटॉप दिलाया। लैपटॉप एक महीने चला और फिर बिगड़ गया। सर्विस सेंटर पर दिखाने के बाद लैपटॉप ठीक हुआ, लेकिन कुछ ही दिनों में दोबारा बिगड़ गया। इसके बाद शिकायतकर्ता और उनकी बेटी कई महीनों तक सर्विस सेंटर के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। ऐसे में उन्होंने वर्ष 2015 में जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली। उपभोक्ता आयोग द्वारा कंपनी के खिलाफ आदेश जारी होने पर कंपनी ने राज्य आयोग के समक्ष अपील दायर की। आखिरकार करीब 10 वर्ष के बाद राज्य आयोग ने भी कंपनी को ही सेवा में त्रुटि का दोषी करार दिया है।
 

Created On :   14 Feb 2023 7:28 PM IST

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