जंगली जानवरों के हमले में राज्य में 13 महीनों में गई 100 लोगों की जान -648 जख्मी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में बाघ, तेंदुए, जंगली सुअर और दूसरे जंगली जानवरों के हमलों में 13 महीनों में 100 लोगों की जान गई है जबकि 648 जख्मी हुए हैं। यही नहीं जंगली जानवरों के हमलों में राज्यभर में 10 हजार 708 पशुओं की भी मौत हुई है जबकि 576 पशु घायल हुए हैं। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शनिवार को यह जानकारी दी। कांग्रेस के कुणाल पाटील, विकास ठाकरे, विजय वडेट्टीवार समेत करीब 40 सदस्यों के सवाल के जवाब में वन मंत्री ने बताया कि इस साल जनवरी में ही चंद्रपुर, गडचिरोली, वर्धा, कोल्हापुर, कोकण इलाकों में जंगली जानवरों द्वारा हमले की सबसे ज्यादा वारदातें सामने आईं हैं। इन हमलों में कई लोग हमेशा के लिए विकलांग भी हुए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि 23 अगस्त, 2022 के बाद से राज्य सरकार ने मुआवजे के लिए जो नीति बनाई है उसके मुताबिक जंगली जानवरों के हमले में इंसानों के मारे जाने पर उनके परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। हमेशा के लिए विकलांग हुए लोगों को 5 लाख, गंभीर रूप से जख्मी लोगों को 1.25 लाख, मामूली जख्मी लोगों को इलाज के लिए 20 हजार रुपए तक का खर्च दिया जाता है।
पालतू पशुओं का इलाज और मुआवजा
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक भेड़, बकरी और अन्य पालतू पशुओं के मारे जाने पर बाजार मूल्य का 75 फीसदी या अधिकतम 15 हजार रुपए (जो कम हो) मुआवजा दिया जाता है। गय, भैंस, बैल जैसे जानवरों के हमेशा के लिए अपंग होने पर बाजार मूल्य का 50 फीसदी या 15 हजार (जो कम हो) मुआवजे का प्रावधान है। इसके अलावा हमलों में पालतू पशुओं के जख्मी होने पर सरकारी पशु चिकित्सालयों में इलाज कराने पर बाजार मूल्य का 25 फीसदी या प्रति जानवर 5 हजार रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है।
फसलों-पेड़ों के लिए मदद
जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान पर राज्य सरकार एक हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक मुआवजा देती है। इसके अलावा नारियल के पेड़ के लिए 4,800, सुपारी के पेड़ के लिए 2,800, कलमी आम के लिए 3,600, केले का पेड़ 120 रुपए, संतरा-मोसंबी के पेड़ के लिए 2,400 और दूसरे पेड़ों के नुकसान पर 500 रुपए के मुआवजे का प्रावधान है।
Created On :   26 March 2023 6:48 PM IST