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डिजिटल डेस्क, भंडारा. कांग्रेस के साथ मिलकर जिला परिषद में सत्ता बनाने वाले भाजपा के बागी नेता पूर्व विधायक चरण वाघमारे गुट की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही है। जिला परिषद उपाध्यक्ष संदीप ताले समेत दो सदस्यों की अपात्रता का प्रकरण जिलाधिकारी के कार्यालय में ही चलाने का आदेश नागपुर के उच्च न्यायालय ने दिया है। ऐसे में इस निर्णय से आने वाले दिनों में वाघमारे गुट तथा मौजूदा जिप के सत्ताधारियों की मुसीबत बढ़ सकती है। वहीं पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने दावा किया है कि, इस प्रकरण में जिलाधिकारी यह तत्थ देखते हुए उनके पक्ष में निर्णय देंगे।
बता दें कि, 52 सीटों वाली जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सर्वाधिक 21 सीटें मिली थी। उस समय पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने भाजपा के साथ बगावत करते हुए कांग्रेस के साथ मिलकर उनके समर्थक जिप सदस्यों के साथ सत्ता स्थापित की थी।
जिप उपाध्यक्ष पद पूर्व विधायक गुट के सदस्य संदीप ताले को मिला।
प्रकरण में भाजपा के तहसील अध्यक्ष विनोद बांते ने जिलाधिकारी को शिकायत देते हुए भाजपा के बागी सदस्यों पर अपात्रता की कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन वाघमारे गुट ने इस शिकायत के खिलाफ उसी समय न्यायालय में गुहार लगाई। जिसमें आठ माह बाद नागपुर के उच्च न्यायालय ने यह प्रकरण जिलाधिकारी के पास चलाने के आदेश दिए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में जिलाधिकारी इस प्रकरण में क्या निर्णय देते हैं? और जिप उपाध्यक्ष, भाजपा के बागी व जिप सदस्य उमेश पाटील व द्रुपदा मेहर को अपात्र घोषित किया जाता है या नहीं इस पर नजर लगी है। उच्च न्यायालय की भूमिका से राजनीतिक गलियारों में जिप के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनावों का मुद्दा ताजा हुआ है।
तथ्यों के आधार पर हमारे पक्ष में ही आएगा निर्णय
चरण वाघमारे, पूर्व विधायक के मुताबिक संपूर्ण देश में यह पहला प्रयोग है, जिसमें जिलाधिकारी की शिकायत के पहले ही हम न्यायालय में गए हैं। न्यायालय में यह पूरा प्रकरण दर्ज हुआ है। जिलाधिकारी को तत्थ के आधार पर निर्णय देना होगा। बायलॉज अनुसार चुनाव के दो घंटे पहले सभा लेकर उम्मीदवार तय करना होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ था। व्हीप किसी और ने ही जारी कर दिया है। ऐसे में निर्णय हमारे पक्ष में होगा।
Created On :   18 Jan 2023 8:08 PM IST