राज्यस्तरीय शाला बचाओ परिषद में 12 प्रस्ताव पारित

डिजिटल डेस्क, वाशिम. रविवार को संपन्न हुई राज्यस्तरीय शाला बचाओ परिषद के अंतिम सत्र में 12 ठहराव पारित किए गए । शासन की शाला बंद किए जाने की भूमिका का निषेध करते हुए सरकारी शालाओं को बचाने के लिए आगे भी यह लड़ाई शुरु रहने का संकल्प परिषद में लिया गया । परिषद में भोपाल के शिक्षा विशेषज्ञ डा. अनिल सद्गोपाल के अलावा शाहीर संभाजी भगत, जिप शाला वाबलेवाउी पुणे के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक दत्तात्रय वारे, किसान जागर मंच अकोला के प्रशांत गावंडे, अखिल भारतीय समाजवादी अध्यापक सभा पुणे के शरद जावडेकर, सत्यशोक शिक्षक सभा गढचिरोली के प्रा. संतोष सुरडकर, शाला बचाओ समिति के जिला संयोजक गजानन धामणे व अन्य गणमान्यजनों ने सरकार की नीति, शैक्षिक परिस्थिति, गरीबों की शिक्षा, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के परिणाम समेत अन्य विषयों पर विचार व्यक्त किए । अंतिम सत्र में 12 ठहराव पारित किए गए जिनमें शाला बंद की शासन की कृति संविधान का उल्लंघन करनेवाली होने से 21 सितम्बर 2022 का अध्यादेश खारीज करती है, राष्ट्रीय शिक्षा पध्दति का निषेध और राज्य की स्वतंत्र नीति तैयार करने की सिफारिश, शाला बंद को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपनाई गई भूमिका का निषेध, फुले-आंबेडकरी शिक्षा सिध्दांत का पुरस्कार व प्रबोधन, शिक्षा के सार्वभौमिकरण का ठहराव, सरकार द्वारा शिक्षा पर 6 प्रतिशत खर्च ना करने पर उसके विरुध्द जनआंदोलन, प्रत्येक को मातृभाषा में शिक्षा देने, शालाओं की मज़बुतीकरण, शालाओं में मुक्तिदायी शिक्षा, सुजन व समावेश मानवी संबंधों पर आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पुरस्कार आदि का समावेश था । परिषद में मुंबई के प्रसिध्द शाहीर संभाजी भगत ने शािहरी के माध्यम से अपनी बुलंद आवाज़ में शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश ड़ाला । कार्यक्रम के प्रारंभ में उत्कृष्ट शाहीरी से भगत ने राज्यस्तरीय परिषद के श्रोताओं में चैतन्य निर्माण किया ।
Created On :   11 Jan 2023 6:35 PM IST