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5 साल में नागपुर विभाग में 1592 किसानों की आत्महत्या
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पांच साल में नागपुर विभाग (छह जिलों) में 1592 किसानों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। सबसे ज्यादा आत्महत्याएं वर्धा जिले में हुई है। वर्धा जिले में 623 किसानों ने आत्हमत्या की, वहीं सबसे कम 48 आत्महत्या आदिवासी बहुल गडचिरोली जिले में हुई है। आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर को आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार नागपुर विभाग के तहत आनेवाले नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर व गडचिरोली जिले में हर साल किसानों की आत्महत्या का दौर जारी है। पांच साल (2015 से 2019) में आत्महत्या करनेवालों में वर्धा जिला सबसे आगे है। चंद्रपुर जिला इस मामले में दूसरे स्थान पर है। चंद्रपुर में 352 किसान आत्महत्या कर चुके है। नागपुर जिले में 256, भंडारा जिले में 206, गांेदिया जिले में 107 व गडचिरोली जिले में 48 किसान अलग-अलग कारणों से आत्महत्या कर चुके है।
जिला किसान आत्महत्या
नागपुर 256
वर्धा 623
भंडारा 206
गोंदिया 107
चंद्रपुर 352
गडचिरोली 48
कुल 1592
1592 में से 901 प्रकरण पात्र, 617 अपात्र
किसान आत्महत्या के मामले में सरकार पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद करती है। इसके लिए पुलिस जांच, तहसीलदार द्वारा की गई जांच को आधार माना जाता है। पुलिस व तहसीलदार अपनी रिपोर्ट जिलाधीश को सौंपते है आैर इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार मुआवजा देती है। आत्महत्या के 1592 मामलों में से 901 मामले ही पात्र पाए गए है। 617 मामले अपात्र माने गए है। इसलिए 901 किसान परिवारों को ही मुआवजा मिल सका। प्रति किसान 1 लाख के हिसाब से 9 करोड़ 1 लाख रुपए मुआवजा पीड़ित परिवारों को दिया गया।
Created On :   24 Jan 2020 10:20 PM IST