जानिए क्या है महाराष्ट्र सरकार की फास्ट डेवलपमेंट प्रोग्रामिंग, कहां खर्च होंगे 22,222 करोड़

22,222 crores for fast development, resolutions to target in one and half year
जानिए क्या है महाराष्ट्र सरकार की फास्ट डेवलपमेंट प्रोग्रामिंग, कहां खर्च होंगे 22,222 करोड़
जानिए क्या है महाराष्ट्र सरकार की फास्ट डेवलपमेंट प्रोग्रामिंग, कहां खर्च होंगे 22,222 करोड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि संकट को हल करने की दिशा में सरकार ने 22,222 करोड रुपए के फास्ट डेवलपमेंट कार्यक्रम की घोषणा की है। विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। कृषि पूरक व्यवसाय को बढ़ावा देते हुए इन उपाययोजनाओं को डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उपाययोजना कार्यों का नियंत्रण नागपुर से होगा। संपूर्ण कार्यक्रम अमल योजना की निगरानी नागपुर से होगी। वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में घोषणा की। विपक्ष ने कहा है कि सरकार ने केवल घोषणा की है। कृषि संकट पर सीधे तौर पर राहत नहीं दी गई है।

वित्तमंत्री ने कहा कि विदर्भ व मराठवाड़ा में विशेष प्राथमिकता के साथ कृषि आधारित व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि उपज के लिए क्षेत्रवार प्रक्रिया संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। धान के अलावा हल्दी , मिर्चा व रेशम उत्पादक क्षेत्र में भी विशेष क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बचत समूहों को आर्थिक आधार दिया जाएगा। विशेषकर कृषि क्षेत्र में काम कर रहे महिलाओं के बचत समूहों को सहायता दी जाएगी। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को सहायता कार्यक्रमों को गति दी जाएगी। इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत यवतमाल जिले के कलंब में 10 करोड के विकास कार्य से की जाएगी।

यह की घोषणा

-पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ व वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ को संशोधन कार्य के लिए 50-50 करोड़
-चंद्रपुर, नागभीड़, ब्रम्हपुरी में 4 ब्राऊन राईस राईसिंग क्लस्टर। नागपुर जिले में 400 किसानों को आत्मा योजना से ब्लैक राइस के लिए प्रोत्साहन की 10 करोड़ की योजना
-विदर्भ , मराठवाड़ा व उत्तर महाराष्ट्र में 83 लघु पाटबंधारे प्रकल्प 6 मध्यम,बड़े प्रकल्प के लिए 13422 करोड़ 
-विदर्भ , मराठवाड़ा के सभी जिलों में ड्रिप एरिगेशन योजना में 15 प्रतिशत अनुदान की बढ़ोतरी। 100 करोड की निधि उपलब्ब्ध होगी
-गडचिरोली, वाशिम, उस्मानाबाद, नंदूरबार  जिले की तरह सभी जिलों में जलसंधारण कार्य के लिए 500 करोड
-कृषि उत्पादन प्रक्रिया श्रंखला के लिए किसानों के समूह तैयार होंगे। प्रत्येक समूह को 25 लाख की सहायता
-भिवापुर, कुही, उमरेड में मिर्ची संकलन व प्रक्रिया केंद्र प्रस्तावित। आवश्यक निधि उपलब्ध होगी। 
-नागपुर व वर्धा जिले में काटन टू क्लाथ क्लस्टर प्रस्तावित। प्रत्येक क्लस्टर को 1 करोड की सहायता।
-यवतमाल जिले में हल्दी प्रक्रिया केंद्र प्रस्तावित
-वर्धा जिले में वायगांव हल्दी प्रक्रिया उद्योग के लिए 65 करोड़
-पूर्व विदर्भ में धान्य वर्गीय फसल की सफाई के लिए मल्टीग्रेन क्लिनिंग ग्रेडिंग मशीन उपलब्ब्ध होगी। 
-नागपुर, वर्धा जिले में नींबूवर्गीय फलों के व्यवसाय के लिए विविध उद्योगों से एफपीओ संलग्न करायी जाएगी।
-अमरावती विभाग के सभी जिले में कृषि उपज भंडारण के लिए गोदाम निर्माण प्रस्तावित
-वर्धा जिले में 4 जगह रुरल माल प्रस्तावित 
-कृषि विपणन के विविध उपक्रम के लिए 125 करोड़
-उच्च किस्म के बीज निर्माण के लिए 21 करोड़
- विदर्भ मराठवाड़ा के 19 जिलों में 10 बकरी 1 बकरा के हिसाब से 19000 सहायता समूह तैयार किए जाएंगे। 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
-नागपुर व औरंगाबाद में अत्याधुनिक सेक्स सार्टेड सीमेन निर्माण प्रयाेगाशाला स्थापना के लिए 70 करोड़
-नागपुर विभाग के सभी जिलों में बकरी पालन क्लस्टर तैयार होगा। पशुसंवर्धन व कुकुटपालन के उपक्रमों के लिए 150 करोड़
-गडचिरोली में गोंडवाना ब्रांडेड दूध विकसित किया जाएगा। वडसा में 1100 एकड़ जमीन पर गोसंरक्षण व गोपालन बोर्ड की स्थापना
-सभी जिलों में जहां तालाब वहां मछली पालन योजना
-अल्पसंख्यक समाज महिला स्वयंसहायता समूह को 125 करोड़
-पर्यटन सेवा सुविधा के लिए 300 करोड़
-गडचिरोली जिले के अहेरी, भामरागड,एटापल्ली व चार्मोशी में बेली ब्रिज निर्माण कार्य के लिए 50 करोड़। 

Created On :   20 July 2018 9:41 PM IST

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