खेती से जुड़े उद्योगों के लिए ढाई लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, मराठा आरक्षण पर सकारात्मक पहल

खेती से जुड़े उद्योगों के लिए ढाई लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, मराठा आरक्षण पर सकारात्मक पहल
खेती से जुड़े उद्योगों के लिए ढाई लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, मराठा आरक्षण पर सकारात्मक पहल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मराठा समाज की नाराजगी को देखते हुए राज्य सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उद्यमियों के लिए चार योजनाओं को लागू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चारों योजनाओं का शुभारंभ किया।अण्णासाहब पाटील आर्थिक पिछड़ा विकास महामंडल के छत्रपति राजाराम महाराज उद्यमिता और कौशल्य विकास अभियान के तहत चारों योजनाओं को लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक साल में खेती और खेतीपूरक व्यवसाय के लिए ढाई लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। खेती और उससे जुड़े व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए ये चारों योजनाएं महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं कि सफलता के बाद और ढाई लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि अण्णासाहब पाटील महामंडल के माध्यम से एक प्रणाली तैयार की गई है। इसके तहत कर्ज देने का काम बैंक करेंगे और ब्याज के पैसे महामंडल अदा करेगा।

मराठा आरक्षण को लेकर सकारात्मक
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण के बारे में सकारात्मक कदम उठाया है। आरक्षण के मुद्दे पर अदालत में भी मजबूती से पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है। इन योजनाओं से युवाओं में खेती और उद्योग संबंधी कौशल्य विकसित करना संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में बदलते प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि वर्ष 1906 में खेती के लिए यूरिया का इस्तेमाल शुरू किया गया पर 112 साल बाद भी हम यूरिया का विकल्प तैयार नहीं कर पाए हैं।

राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने बताया कि हर जिले में महामंडल के अधिकारी सम्मेलन आयोजित कर योजनाओं का प्रचार- प्रसार करेंगे। प्रदेश के कौशल्य विकास व उद्यमिता मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर ने कहा कि इजराइल ने विभिन्न प्रयोग और तकनीक के माध्यम से खेती के व्यवसाय को समृद्ध बनाया है। महाराष्ट्र में भी इसी तरह खेती में बदलाव करते हुए आधुनिक तकनीक और प्रयोग करने की आवश्यकता है।

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उद्यमियों के लिए चार योजनाएं 

1)    व्यक्तिगत ऋण ब्याज वापसी योजना-  इस योजना का लाभ एक परिवार के एक व्यक्ति को मिल सकेगा। यह योजना कृषि, संलग्न और पारंपरिक उपक्रम, लघु व मध्यम उद्योग जैसे उत्पादन, व्यापार व बिक्री और सेवा क्षेत्र के लिए है।

2)    समूह परियोजना ऋण ब्याज वापसी योजना-  इस योजना के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त बचत समूह, भागीदारी संस्था, सहकारी संस्था और कंपनी समूह पात्र होंगे। पहले किसी महामंडल की योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले समूह ही को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। 

3)    समूह परियोजना कर्ज योजना - इस योजना का लाभ लेने के लिए वेब पोर्टल पर नाम पंजीयन करना जरूरी होगा। एक परिवार से किसी एक व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकेगा। इस योजना के तहत दिए जाने वाले सावधि कर्ज के लिए पात्र समूहों को ऑनलाइन मंजूरी दी जाएगी। लाभार्थी को मिली बिना ब्याज की कर्ज राशि की वापसी 7 वें महीने से 84 महीने तक (सात साल) समान किश्त करनी होगी। योजना का लाभ 18 से 41 वर्ष के लोगों को मिल सकेगा। लाभार्थी की वार्षिक परिवार आय 8 लाख रुपए तक होना जरूरी होगा। लाभार्थी के कर्ज खाते को आधार कार्ड से जोड़ना आवश्यक होगा। दिव्यांग व्यक्ति होने पर उसके पास संबंधी संस्था से प्रमाण पत्र होना आवश्यक होगा। 

4)    किसान कुशल योजना - इस योजना के तहत किसान और युवाओं को स्वयं रोजगार और व्यवसाय के लिए कौशल्य प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। 34 कृषि संबंधी पाठ्यक्रम के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना की अवधि 16 महीने है। इस पर 200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। 
 

Created On :   2 Feb 2018 2:48 PM GMT

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