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लोणार परिसर के 314 अतिक्रमणकारियों को हाइकोर्ट से नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर| बुलढाणा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल लोणार से 315 अतिक्रमणकारियों को हटना ही होगा|
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 21 मार्च को इन्हें हटने के आदेश दिए थे| इस आदेश के खिलाफ इन्होंने हाइकोर्ट में अर्जी डाली थी, जो सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दी| सरकार ने इनके पुनर्वसन के इंतेजाम किये है, अतिक्रमणकारियों को वहां जाने के आदेश दिए है|
सरोवर विकास कार्यों के लिए किया जा रहा पुनर्वास
बता दें कि सरोवर विकास कार्यों के लिए सरकार ने पुर्नवसन का इंतजाम किए थे। मगर झोपड़पट्टी में रहने वाले 315 से अधिक लोग जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे| 21 मार्च को हाईकोर्ट ने नगर परिषद के मुख्य अधिकारियों को 8 दिन में जगह खाली कराने के आदेश जारी किये थे। कोर्ट के आदेश के बावजूद लोग अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। कोर्ट ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ऐसा ना करने पर प्रशासन बल प्रयाेग का सहारा ले सकता है। कोर्ट ने क्षेत्र के एसपी को इस प्रक्रिया पर नजर रखने को कहा था।
जनहित याचिका पर समिति गठित
उल्लेखनीय है कि लोणार सरोवर के संवर्धन और विकास कार्यों के लिए कीर्ति निपाणकर ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने एक समिति गठित की थी। संवर्धन, दूषित जल की प्रोसेसिंग जैसे अन्य मुद्दों पर समिति ने विकास कार्यों की स्थिति बताई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि लोणार सरोवर के सवंर्धन के संबंध मंे केवल चर्चा शुरू है, वास्तव में कार्य नहीं किए जा रहे हैं। इधर नगर परिषद का दावा है कि उन्होंने सरोवर में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए उपाय किए हैं, लेकिन इसकी सफलता के लिए निरंतर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इसी याचिका में पुर्नवसन का मुद्दा भी उठाया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से एड.आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।
Created On :   9 April 2018 3:29 PM IST