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समुद्र से सुरक्षित निकाले गए 317 लोग- चक्रवात के चलते बह गया था बार्ज, महाराष्ट्र में गई 14 लोगों की जान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। ताऊ ते चक्रवात के चलते समंदर में फंसे दो बार्ज से खबर लिखे जाने तक 317 लोगों को बचाकर सुरक्षित किनारे तक पहुंचा दिया गया था जबकि 93 और लोगों को बचाने की कोशिश जारी थी। सोमवार को एंकर टूट जाने के चलते समुद्र में फंसे इन जहाजों में 410 लोग सवार थे। मुंबई से 35 नॉटिकल मील दूरी पर राहत और बचाव के काम के दौरान बार्ज पी 305 डूब गया। इसमें कुल 273 लोग सवार थे। तूूफानी लहरों के चलते बांबे हाई के हीरा आयल फील्ड के पास तैनात बार्ज बीच समंदर में चला गया था। बार्ज डूबने के बाद नौसेना की ओर से मंगलवार शाम जारी बयान में कहा गया कि भारतीय नैसेना के जहाजों बीस, बेतवा और आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता की मदद से राहत और बचाव का काम जारी था। नौसेना के हेलीकॉप्टर भी लोगों को बचाने और सुरक्षित पहुंचाने के काम में जुटे हुए थे।चक्रवात के चलते समुद्र में मौसम चुनौतीपूर्ण है जिसके चलते राहत और बचाव के काम में मुश्किल आ रही है। इसके अलावा बार्ज गाल कंस्ट्रक्टर में 137 लोग सवार सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। नौसेना के प्रवक्ता मेहुल कार्णिक ने बताया कि हवाई जहाज के जरिए उस जगह का सर्वे किया जा रहा है जहां बार्ज पी 305 डूबा था। यहां से शाम पांच बजे तक 180 लोगों को बचाया जा चुका था। इसके अलावा गुजरात के पास फंसी तीन जहाजों पर सवार लोगों को भी बचाने की कोशिश जारी है। समुद्र के भीतर 35 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाए चल रहीं हैं जिसके चलते राहत और बचाव के काम में मुश्किल आ रहीं हैं।
चक्रवाती तूफान से महाराष्ट्र में गई 14 लोगों की जान
चक्रवात ताऊ ते के चलते राज्य में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 14 पहुंच गई है इसके अलावा अलग अलग हादसों में 25 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। ताऊ ते के चलते मुंबई-रायगढ़ में तीन लोगों की जान गई है जबकि ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, जलगांव में दो-दो लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास भी काफी नुकसान हुआ है। गेटवे के साथ मरीन ड्राइव और दादर चौपाटी पर ऊंची समुद्री लहरों के चलते भारी मात्रा में कचरा जमा हो गया। मुंबई महानगर पालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक माहिम और मड जेट्टी में नांव डूबने के चलते दो लोगों की जान चली गई इसके अलावा वरली इलाके में पेड़ गिरने से जख्मी हुई एक महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
हरियाली पर कहर, 2364 पेड़ गिरे
यह चक्रवात मुंबई की हरियाली पर कहर बनकर टूटा तेज हवाओं के चलते महानगर में 2 हजार 364 पेड़ या उनकी मोटी डालियां धराशाई हो गईं। मुंबई महानगर पालिका द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चक्रवात के दौरान 1272 पेड़ जड़ से उखड़ गए जबकि 1530 पेड़ों की बड़ी शाखाएं गिर गईं। इस दौरान 56 जगहों पर जलजमाव की समस्या हुई और शार्ट सर्किट की 39 घटनाएं सामने आईं।
ताऊ ते के चलते 46 लाख घरों में अंधेरा
चक्रवात ताऊ ते के चलते राज्य के 46 लाख 41 हजार से ज्यादा बिजली ग्राहक प्रभावित हुए हैं। इनमे से 34 लाख 12 हजार ग्राहकों की बिजली बहाल कर दी गई है. रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, रायगढ, ठाणे, पालघर, कोल्हापुर, पुणए और दूसरे इलाकों के 10752न गांवों में बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी। मंगलवार शाम तक इनमें से 6040 गांवों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई थी जबकि बाकी गांवों में फिर से बिजली बहाल करने के लिए महावितरण के कर्मचारी जमें हुए थे।राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने रात भर जागकर गिरे हुए खंबों और टूटे हुए बिजली के तारों को जोड़ने वाले कर्मचारियों की तारीफ की। चक्रवात ताऊ ते के चलते उच्चदाब वाले 1546 वाले खंबे गिरे थे जिनमें से 425 को ठीक कर लिया गया था। इसके अलावा 3940 लघु दाब वाले खंबे गिरे थे जिनमें से 974 को ठीक कर लिया गया। राऊत के निर्देश पर चक्रवात से पहले ही विशेष नीति तैयार की गई थी। मरम्मत के काम के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया था। कोल्हापुर, पालघर, पुणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, ठाणे जैसे जिलों में 24 घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष बनाए गए थे। मरम्मत के काम के लिए महावितरण ने 13 हजार कर्मचारी तैनात किए हैं, जिनमें 9 हजार से ज्यादा ठेके पर हैं। इसके अलावा 50 क्रेन/जेसीबी मशीन काम पर लगाए गए हैं। ठाणे जिले में सबसे ज्यादा 7 लाख 85 हजार 519 ग्राहकों को बिजली आपूर्ति में बाधा का सामना करना पड़ा। विदर्भ में भी 53 हजार 392 ग्राहकों की बिजली प्रभावित हुई जिनमें से 50 हजार की आपूर्ति बहाल कर दी गई। मराठवाडा में 1 लाख 5 हजार 142 ग्राहकों को बिजली की समस्या हुई यहां भी 1 लाख 3 हजार 924 ग्राहकों की आपूर्ति फिर सुनिश्चित कर दी गई।
मुंबई में टूटा बारिश का रिकार्ड
मुंबई में चक्रवाती तूफान ताऊते के कारण 230 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों की माने तो यह दर्ज इतिहास में मई महिने में 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुंबई केंद्र के अनुसार, सांताक्रूज वेधशाला ने मंगलवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 230.3 मिमी बारिश दर्ज की। इसके अलावाकोलाबा वेधशाला ने इसी अवधि के दौरान 207.6 मिमी बारिश दर्ज की। आईएमडी की गणना के अनुसार 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को अत्यधिक भारी वर्षा माना जाता है।
Created On :   18 May 2021 9:08 PM IST