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4 बार टेंडर निकाला, एक ने भरा आवेदन, अब कब तक बनेगा आरयूबी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिप्टी सिग्नल से करवापेठ शांतिनगर तक नागपुर कोलकाता लाइन पार करने के लिए आरयूबी का कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए लिए वर्ष 2016 में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने 37.75 करोड़ पास किए थे। इस पुल को बनाने की समय सीमा 2 साल थी, जिसके अनुसार आरयूबी 2018 में पूरा होने वाला था। लेकिन टेंडर के लिए एक भी आवेदन नहीं मिला। पांच बार टेंडर निकाले गए। हाल ही में पांचवां टेंडर पीडब्ल्यूडी ने सोमवार को खोला गया जिसमें अधिकारियों के मुताबिक अभी तक कोई अपडेट नहीं लिया गया।
इसलिए है जरूरी
डिप्टी सिग्नल और चिखली इंडस्ट्रीयल क्षेत्र के नागरिकों को करवापेठ, शांतिनगर के साथ जुड़े हुए अन्य क्षेत्र जैसे नयापुरा, राजीवगांधी नगर और नामदेव नगर पहुंचने में 12 किमी जाना पड़ता थ। इसके साथ ही यह क्षेत्र नागपुर-कोलकाता लाइन के दूसरी ओर है। अस्पताल और अन्य मूलभूत सुविधाए लाइन के इस तरफ है। उत्तर नागपुर के लोगों को नागपुर ग्रामीण आरटीओ कार्यालय पहुंचने में 12 किमी का सफर करना पड़ता था। यहां पर कोई आरओबी या आरयूबी नहीं था, जो इन मार्गों को जोड़ सके। इससे नागरिकों का आवागमन सुगम होने वाला था। लेकिन यह योजना अब तक कागजों में ही चल रही है। पहले इसके लिए रेलवे से अनुमति लेने में समय लग गया। 2018 अनुमति में मिलने के बाद मई 2019 में टेंडर निकाला गया। टेंडर को प्रतिसाद नहीं मिला तो लगातार 5 बार बदलाव कर टेंडर निकाला गया, लेकिन अब तक किसी ने टेंडर के लिए आवेदन नहीं दिया। एक बार फिर से इसके लिए टेंडर निकाला गया, जो कि साेमवार को खाेला जाएगा। यह कार्य 3 साल से अटका हुआ है। इस पर विभागों की सुस्ती और लापरवाही भी नजर आ रही है।
2018 में पूरा होना था कार्य
इस कार्य को पूरा करने में 2 साल की समयावधि निश्चित की गई थी। (आरयूबी) रोड अंडर ब्रिज होने के कारण इसके निर्माण में समय लगता है। 2016 में यदि यह कार्य शुरू होता तो 2018 के अंत तक पूरा हो सकता था। अब यदि टेंडर खुलता है और किसी को कार्य दिया जाता है तो 2021 तक कार्य पूरा होगा, लेकिन यदि इस बार भी कोई आवेदन नहीं आया ताे फिर कार्य आगे बढ़ जाएगा।
रेलवे ने भी मना कर दिया
लाेककर्म विभाग के अधिकारी ने बताया कि टेंडर नहीं मिलने पर पीडब्ल्यूडी ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर के अधिकारियों से बात की थी जिसमें आरयूबी का काम करने के लिए रेलवे से निवेदन किया गया और इसका जितना भी खर्च है वह पीडब्ल्यूडी देने को तैयार थी। रेलवे अधिकारियों ने इसका कार्य करने की बात कही थी, बाद में फिर से कार्य के लिए बात की गई तो मना कर दिया गया। इसलिए हमने फिर से टेंडर निकाला है।
सोमवार को टेंडर खुलेगा
अधीक्षक अभियंता लोककर्म विभाग विद्यासागर सरदेशमुख के मुताबिक इसके लिए हमने पांच बार टेंडर निकाला है, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला। पांच बार टेंडर निकालने में केवल एक आवेदन आया उसे कार्य नहीं दे सकते। इसलिए फिर से टेंडर निकाला। अब सोमवार को टेंडर खुलेगा तो 99 प्रतिशत संभावना है कि कार्य शुरू हो जाएगा।
Created On :   19 Nov 2019 10:19 PM IST