पलट सकता है पासा : बीजेपी के सम्पर्क में शिवसेना के 45 विधायक, सांसद ककाडे का दावा

45 Sena MLAs in the contact of BJP, MP Kakade claims
पलट सकता है पासा : बीजेपी के सम्पर्क में शिवसेना के 45 विधायक, सांसद ककाडे का दावा
पलट सकता है पासा : बीजेपी के सम्पर्क में शिवसेना के 45 विधायक, सांसद ककाडे का दावा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा सांसद संजय ककाड़े ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत में राज्यसभा सदस्य ककाड़े ने कहा कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। वे हमें फोन कर कह रहे हैं कि उन्हें सरकार में शामिल कर लें। ककाड़े ने यह भी कहा कि शिवसेना के विधायक कह रहे हैं कि चाहे जो भी किया जाए, लेकिन हम भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं।’’ ककाड़े ने बताया कि 45 विधायकों की राय है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना को हाथ मिला लेना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है। 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। काकडे के इस बयान पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुझे उनके बयान की जानकारी नहीं है। 

सीएम के बयान से नाराज शिवसेना ने बैठक टाली, दोनों दलों में बढ़ी तकरार

मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच दरार पैदा हो गई है। मंगलवार को प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के बीच होने वाली बैठक रद्द हो गई। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ‘शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने का वादा नहीं किए’ जाने वाले बयान से नाराज होकर शिवसेना ने बैठक रद्द कर दी। सांसद संजय राऊत ने कहा कि प्रदेश में सत्ता बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना के दो-दो नेताओं की पहली बैठक होनी वाली थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने सत्ता में भागीदारी के 50-50 प्रतिशत के फार्मूले को ही नकार दिया है। इसलिए उद्धव ने दोनों दलों के नेताओं के बीच होने वाली बैठक को रद्द करने का फैसला किया है। जब मुख्यमंत्री खुद कह रहे हैं कि ऐसा कोई फार्मूला ही तय नहीं हुआ है तो हम चर्चा किस बात पर करें। राऊत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के बयान के बाद उनको प्रणाम करता हूं। हमारे पास उनके लिए शब्द नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार मंगलवार शाम चार बजे होने वाली बैठक में भाजपा की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर और पार्टी के महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी भुपेंद्र यादव और शिवसेना की तरफ से पार्टी के वरिष्ठ नेता व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई व राऊत शामिल होने वाले थे। इससे पहले राऊत ने मीडिया के सामने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना की युति के ऐलान के समय का मुख्यमंत्री का वीडियो दिखाया। राऊत ने कहा कि वीडियो में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सत्ता में पद और जिम्मेदारियों का बंटवारा एक समान होगा। मुख्यमंत्री जब खुद एक समान बंटवारे की बात कर रहे हैं तो इसका अर्थ समझ लेना चाहिए। शब्दकोष में इन शब्दों का अर्थ नहीं बदला है। फडणवीस के कहा है कि अगले पांच साल तक मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा। इस पर राऊत ने कहा कि देश और पूरे विश्व में जो व्यक्ति जिस पद पर होता है वह उस पद को कभी छोड़ना नहीं चाहता। शिवसेना के मुखपत्र सामना में विपक्ष के खिलाफ लिखने की मुख्यमंत्री की चुनौती पर राऊत ने कहा कि हमने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ लिखा और बोला है। इसलिए साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनी। यह हमें नहीं भूलना चाहिए। 

हमारे पास भी विकल्प: मुनगंटीवार

भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शिवसेना के रुख को विनाशकाले विपरित बुद्धि वाला बताते हुए कहा कि विकल्प हमारे पास भी हैं। बहुत से लोग हमें भी सरकार बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम गठबंधन कर चुनाव लड़े थे, इस लिए अब मिलकर सरकार बनानी चाहिए। मुनगंटीवार ने कहा कि ‘हम प्राण जाई पर, वचन न जाई’ की अवधारणा में  विश्वास रखते हैं। 
 

Created On :   29 Oct 2019 12:58 PM GMT

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