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नासिक जिला अस्पताल में 55 नवजात बच्चों की मौत
डिजिटल डेस्क, नासिक। यूपी के गोरखपूर और फर्रुखाबाद अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का प्रकरण अभी खत्म भी नही हुआ है। इसी बीच नासिक के जिला अस्पताल के इनक्युबेटर में क्षमता से अधिक नवजात बच्चों का इलाज करना पड़ रहा है। अगस्त महीने में 55 नवजात बच्चों की मौत होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। इस गंभीर मुददे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जयंत जाधव ने शिष्टमंडल के साथ जिला अस्पताल के डॉक्टर सुरेश जगदाले के साथ अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री दिपक सावंत को मामले की जानकारी दी।
विधायक जाधव ने कहा कि, एक ओर यूपी के गोरखपूर अस्पताल में नवजात बच्चों का मुददा गंभीर होने के बीच नासिक के जिला अस्पताल में इनक्युबेटर की व्यवस्था के अभाव में एक महीने में 55 बच्चों की मौत हुई है। यह घटना सरकार की निष्क्रियता का प्रतिक है। इसलिए प्रशासन को नींद से बाहर लाने के लिए पदाधिकारियों ने विभाग का दौरा किया और अधिकारियों से चर्चा की।
क्षमता से अधिक नवजात बच्चे
विधायक श्री जाधव ने सीएम को दिए ज्ञापन में कहा कि यूपी के गोरखपुर व फर्रुखाबाद अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का मामला ताजा है। इसके बावजूद नासिक इनक्युबेटर में क्षमता से अधिक नवजात बच्चों का इलाज करना पड़ रहा है। इसलिए अगस्त महीने में 55 नवजात बच्चों की मौत हुई है। अस्पताल में केवल 18 इनक्युवेटर है और प्रतिदिन 50 से अधिक बच्चे इलाज के लिए आते हैं समय से पूर्व जन्मे व अन्य सहित कुल 346 बच्चें अगस्त महीने में भर्ती हुए थे। इसमें से 55 बच्चों की मौत हुई है। अप्रैल 2017 से कक्ष में कुल 187 लोगो की मृत्यु हुई है।
एक इनक्युवेटर में चार बच्चे
नवजात बच्चों को एक दूसरे से बीमारी फैलने का खतरा अधिक होता है। अस्पताल में नवजात बच्चों की जान से खेला जा रहा है और 1 इनक्युवेटर में 4-4 बच्चों को रखा जा रहा है। पैदा होते ही पीलिया और स्वास लेने की समस्या और बजन कम होने पर बच्चोंओं को इनक्युवेटर में रखा जाता है। जबकि एक इनक्युवेटर में एक बच्चे को रखा जाता है।
Created On :   7 Sept 2017 9:59 PM IST