11 में से 6 मशीनें खराब, 2 हजार जमीनों का नाप-जोख अटका

6 machines out of 11 damaged, measurement of 2 thousand lands stuck
11 में से 6 मशीनें खराब, 2 हजार जमीनों का नाप-जोख अटका
11 में से 6 मशीनें खराब, 2 हजार जमीनों का नाप-जोख अटका

रियलिटी - हर तहसील में एक जैसा हाल, बारिश में सीमांकन न करने का बना रहे बहाना
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जमीनों की नाप-जोख का काम अब टीएसएम (टोटल स्टेशन मशीन) से होता है इसके लिए हर तहसील को एक मशीन दी गई है, ताकि नपाई का काम आसानी से हो सके। इस समय 10 तहसीलों में स्थित मशीनों में से 6 खराब हालत में पड़ी हैं ऐसे में जमीनों के सीमांकन का काम पूरी तरह से अटक गया है। दूसरी तरफ सीमांकन कराने आवेदन देने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। जिले में अभी 2 हजार से ज्यादा आवेदन पेंडिंग हैं जिनका सीमांकन होना है। वहीं पटवारी, आरआई बारिश का बहाना बनाकर जमीनों की नपाई के काम से बच रहे हैं। जिले की 10 तहसीलों में सीमांकन के ढाई हजार से ज्यादा प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें से लगभग 497 प्रकरण ही ऐसे हैं जिनका निराकरण हुआ है। बाकी के प्रकरण लंबे समय से अटके हुए हैं। वहीं जमीनों की नपाई के लिए हर तहसील में टीएसएम मशीन उपलब्ध हैं लेकिन पटवारी, आरआई इन मशीनों से नाप-जोख नहीं करते और वे आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं, जरीब से ही जमीन की नपाई करते हैं। यही कारण है कि जहाँ की मशीनें ठीक भी हैं तो यह कह दिया जाता है कि मशीनें खराब हैं। 
मशीन से ही होनी है नपाई --

शासन का आदेश वर्ष 2013 में ही आ गया था कि अब जमीनों के सीमांकन का काम टोटल स्टेशन मशीन से ही किया जाएगा। इसके बाद भी जमीनों का नाप-जोख जबलपुर में निजी ठेका कंपनी करती रही। बड़ी मुश्किल से टीएसएम मशीन से नपाई शुरू हुई और 5 पटवारियों को ट्रेनिंग दी गई कि वे सभी जगह मशीनों से ही नपाई कराएँ। सभी पटवारियों को प्रशिक्षण भी िदया गया, इसके बाद भी वे अभी भी मैन्युअल जरीब से ही जमीन नाप रहे हैं। इसके पीछे का कारण तो पटवारी ही जानें, लेकिन उन्होंने यह कहकर रखा है कि मशीनें खराब हैं।
कुछ जगह मशीनें खराब
**हमारे पास पनागर और शहपुरा की मशीनें खराब होने की शिकायतें आई हैं, बाकी जगह क्या परेशानी है और मशीनों से नपाई क्यों नहीं हो रही है इसकी जानकारी ली जाएगी। 
ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक भू-अभिलेख 
 

Created On :   15 July 2021 2:58 PM IST

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