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दावानल से तीन माह में 665 हेक्टेयर जंगल खाक
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले के विभिन्न वन परिक्षेत्र के जंगलों में आगजनी की घटनाएं घटित हुई है। तीन माह में 665 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गया है। इस संदर्भ में वन विभाग ने 235 आगजनी की घटनाओं का मामला दर्ज किया है। जबकि ताज्जुब की बात यह है कि वन विभाग ने जो नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत की है, उसमें बताया गया है कि आगजनी की घटना में किसी भी प्रकार का नुकसान विभाग को नहीं पहुंचा है।
वहीं उपरोक्त घटनाओं को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 665 हेक्टेयर जंगल जलने से नुकसान तो जरूर हुआ होगा। गोंदिया वन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में 12 वन परिक्षेत्र आते हैं। जिसमें 1 लाख 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वन विभाग का जंगल है। जिसकी सुरक्षा वन अधिकारी एवं कर्मचारियों पर सौंपी गई है। अक्सर फरवरी से अप्रैल माह तक जंगलों में आगजनी की घटनाएं प्रतिवर्ष घटती है।
तेंदूपत्ता संकलन के लिए भी लगाते हैं आग
आग लगने के विभिन्न कारण बताए जाते हैं,जबकि तेंदूपत्ता का उत्पादन अच्छा होने के लिए जानबूझकर जंगलों में आग लगाई जाती है। जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से टैंकर एवं फायर ब्रिगेड का उपयोग किया जाता है। आगजनी से वन्य प्राणी, छोटे पेड़ पौधे जलकर खाक हो जाते हैं। ऐसे में इस वर्ष तीन माह में 665 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए। फिर भी विभाग को एक भी प्रतिशत नुकसान इस आग से नहीं पहुंचा। इस तरह की रिपोर्ट वन विभाग ने प्रशासन को प्रस्तुत की है। जबकि प्राथमिक तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि इतनी बड़े जंगल क्षेत्र में आग लगने से नुकसान तो जरूर हुआ होगा।
इस वर्ष अब तक 235 आगजनी की घटनाएं
वन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि फरवरी से अप्रैल माह तक 235 आगजनी की घटनाएं घटित हुई है। जिसमें गोंदिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत 43 घटनाएं दर्ज है।
Created On :   16 May 2018 2:24 PM IST