66वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिन - दीक्षाभूमि में उमड़ेगी भीड़

66th Dhammachakra Enforcement Day - Crowds will gather in Deekshabhoomi
66वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिन - दीक्षाभूमि में उमड़ेगी भीड़
नागपुर 66वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिन - दीक्षाभूमि में उमड़ेगी भीड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर. क्रांति स्थल दीक्षाभूमि में इस बार 66वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिन समारोह में डा. बाबासाहब आंबेडकर के अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ेगी। पिछले दो दिन से लोग आ रहे हैं। दूसरे राज्यों के अनुयायी भी पहुंच चुके हैं।  रविवार, 2 अक्टूबर से धम्मचक्र प्रवर्तन दिन कार्यक्रम की शुरुआत होगी। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति के सचिव डॉ. सुधीर फुलझेले ने पत्र-परिषद में बताया कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को विजयादशम के दिन  दीक्षाभूमि में लाखों अनुयायियों के साथ धम्मदीक्षा ली थी। 2 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे स्मारक समिति सदस्य कमल गवई की अध्यक्षता में महिला धम्म सम्मेलन होगा।

3 अक्टूबर को समिति के अध्यक्ष भंते आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की उपस्थिति में बौद्ध धम्म  दीक्षा कार्यक्रम होगा। 4 अक्टूबर को सुबह 9 बजे दीक्षाभूमि में पंचशील ध्वजारोहण होगा। 10.30 थाईलंैड के भिक्खू संघ की ओर से दीक्षाभूमि पर 56 फीट की बुद्ध प्रतिमा स्थापित करने के लिए भूमिपूजन होगा। दिनभर धम्मदीक्षा कार्यक्रम चलेगा। शाम 6 बजे भंते आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की अध्यक्षता में धम्मपरिषद होगा जिसमें जापान, थाईलैंड, मलेशिया सहित देश-विदेश के भंते शामिल होंगे। रात 9 बजे सीमा पाटील का पोवाड़ा गायन और बाबासाहब के जीवन पर आधारित लघु नाटिका का मंचन होगा। 

5 अक्टूबर को सुबह 6 बजे स्मारक समिति की ओर से बुद्ध भीम गीतों का कार्यक्रम धम्मपहाट, 9 बजे भंतेगणों की सामूहिक बुद्धवंदना होगी। दीक्षा दी जाएगी। शाम 6 बजे भंते आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की अध्यक्षता में मुख्य कार्यक्रम  होगा। प्रमुख अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आदि उपस्थित रहेंगे। 

विकास में सरकार का अड़ंगा

दीक्षाभूमि के विकास के लिए पिछले 30 वर्ष से  सरकार से जमाीन की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री रहते फडणवीस ने 350 करोड़ का प्रारूप बनाया था जिसमें से 40 करोड़ मिले, लेकिन काम शुुरू नहीं हो पाया। यह आरोप डॉ. सुधीर फुलझेले ने लगाया। दीक्षाभूमि के सामने स्थित स्वास्थ्य विभाग की जगह पाकिंग व अन्य कार्यों के लिए और कॉटन रिसर्च सेंटर की जगह अन्य विकासकार्यों के लिए मांगी थी, लेकिन सरकार ने नजरअंदाज किया।  पत्र-परिषद में स्मारक समिति सदस्य विलास गजघाटे, एन.आर. सुटे, भंते नागदीपंकर, एड. आनंद फुलझेले, प्रा. डॉ. प्रदीप आगलावे,  मिलिंद गाणार उपस्थित थे।

किसी विचारधारा की घुसपैठ नहीं

डॉ. फुलझेले ने कहा कि संघ या अन्य किसी भी विचारधारा की घुसपैठ दीक्षाभूमि में नहीं हो सकती। यह  डॉ. बाबासाहब के विचारों की भूमि है। दीक्षाभूमि स्मारक समिति अपना काम करने में सक्षम है। 

86 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा

थाईलंैड और म्यानमार के दानदाताओं की ओर से थाईलंैड में  56 फीट ऊंची बुद्ध की चलमूर्ति का काम शुरू है। दीक्षाभूमि परिसर में यह मूर्ति साकार होगी। 10 टुकड़ों में मूर्ति बनाई जा रही है। 3.2 मीटर का स्टैंड और 16मीटर की बुद्ध मूर्ति होगी। 

Created On :   2 Oct 2022 10:13 AM GMT

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